पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए दीपक जलाने के उपाय अत्यधिक प्रभावशाली माने जाते हैं। पितरों का आशीर्वाद पाने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए रोजाना चार विशेष स्थानों पर दीपक जलाना शुभ माना गया है।
पितृ पक्ष के 15 दिनों में ये उपाय करने से न केवल पितर प्रसन्न होते हैं बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। आइए जानते हैं किन स्थानों पर दीपक जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं
वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है, और पितृपक्ष के दौरान इस दिशा में चौमुखी दीपक जलाने से पितर संतुष्ट होते हैं। सरसों के तेल का दीपक जलाना सबसे शुभ माना गया है क्योंकि यह यमराज की दिशा से जुड़ा है। दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितर प्रसन्न होकर पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं।
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं
पितृ पक्ष में रोजाना शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीपक जलाना अत्यधिक फलदायी माना गया है। पीपल के पेड़ पर देवी-देवताओं और पितरों का वास होता है। इस उपाय से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होकर घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं, जिससे सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। पितृ पक्ष में यह उपाय करने से पितर आपके घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। मुख्य द्वार से ही मां लक्ष्मी का प्रवेश होता है, इसलिए इस स्थान को साफ-सुथरा और रोशन रखना चाहिए ताकि शुभता का वास हो और धन-संपत्ति की वृद्धि हो।
पितरों की तस्वीर के पास दीपक जलाएं
जहां आपके घर में पितरों की तस्वीर लगी हो, वहां रोजाना दीपक जलाना चाहिए। अगर तस्वीर के नीचे दीपक रखने की व्यवस्था न हो तो दीपक जलाकर उसे दक्षिण दिशा में रख दें। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर में धन, अन्न और शांति की कमी नहीं होती है।