रसोईघर में उपयोग आने वाला नमक आपके मन को शांत भी कर सकता है। जी हां नमक का उपयोग केवल रसोईघर के लिए ही नहीं बल्कि वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में भी नमक जैसी वस्तु का उपयोग बताया गया है। यदि आपका मन अशांत है तो आप नहाने के पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर उससे स्नान कर ले…गारंटी है कि आपका अशांत मन शांत हो जाएगा। इतना ही नहीं यदि हर दि नही नमक मिले पानी से स्नान किया जाता है तो दिलों दिमाग में ताजगी बनी रहेगी।

ओर भी है नमक के फायदे

माना जाता है कि कमरे के कोने में नमक का टुकड़ा रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। बुरी नजर से पीड़ित होने पर सिर के चारों ओर नमक के पानी के छींटे मारने की सलाह दी जाती है। लंबे समय तक तकिये के नीचे कांच के कंटेनर में नमक रखने से लंबी बीमारी का सामना करने वालों को फायदा होता है; इसे हर सप्ताह बदला जाना चाहिए। शुक्र ग्रह से संबंधित समस्याओं के लिए नमक का दान करना लाभकारी माना जाता है।

न करें नमक का अपमान

नमक के उपायों से आप कुछ हद तक अपनी समस्याओं को दूर कर सकते है लेकिन माना जाता है कि हमें नमक का अपमान भी नहीं करना चाहिए। जरूरी है कि नमक को हमेशा कांच के बर्तन में रखें। नमक बर्बाद करने से बचें। किसी को सीधे तौर पर नमक न दें, इससे रिश्तों में खटास आ सकती है। केवल अच्छे नैतिक चरित्र वाले व्यक्तियों से ही नमक या नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन करें। दबाव या दवाब में नमक लेने से बचें।

महाकाल में 5 जनवरी तक नहीं होगी भस्म आरती की आनलाइन बुकिंग

उज्जैन। उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल में मंदिर में प्रशासन ने 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक भस्म आरती की आनलाइन बुकिंग को बंद कर दी गई है।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने कहा है कि भीड़ वाले इन दिनों में भस्म आरती के वर्चुअली दर्शन करवाए जाएंगे। बता दें इसके लिए कार्तिक मंडपम को खाली रखा जाएगा। इस आरती के लिए भक्तों को प्रात: काल 4 बजे लाइन में लगकर चलने वाली भस्म आरती दर्शन कर सकेंगे। इस साल 2023 की विदाई और आने वाले नए साल 2024 के स्वागत में देशभर से भक्त बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन आएंगे।

जानकारी के मुताबिक पको बता दें 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक जो भक्त भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करना चाहते हैं, उन भक्तों को मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय के पास स्थित भस्म आरती बुकिंग काउंटर से आफलाइन अनुमति प्राप्त करना होगी। इसके बाद यहां सीट फुल होने पर दर्शनार्थी चलायमान व्यवस्था से भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं। महाकाल मंदिर में रोज सुबह 4 बजे से सुबह 6 बजे तक बाबा महाकाल की भस्म आरती होती है। इसके बाद 2 घंटे में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन, शृंगार, भस्म अर्पण, भोग और आरती के बाद मंत्र पुष्पांजलि होती है। भस्म आरती की इस पूरी प्रक्रिया के दर्शन के लिए मंदिर समिति प्रतिदिन 1700 भक्तों को अनुमति जारी करती है।