नई दिल्ली। हमारे देश में जितने भी वाहन हैं उनका स्टीयरिंग व्हील दाई ओर होता है जबकि यूएस सहित कई पश्चिमी देशों में स्टीयरिंग व्हील बाई ओर होता है। अब सवाल यह है कि भारत में स्टीयरिंग व्हील उल्टे साइड में क्यों रखा जाता है? इसकी वजह क्या है, शायद आपके मन में भी यह विचार आता होगा। तो आज आपको हमारे यहां की गाड़ियों में Steering Wheel बाईं तरफ होने का कारण बताने जा रहे हैं। जो लोग अमेरिया कनाडा या यूरप की यात्रा करते रहते हैं उहें वाहन के स्टीयरिंग व्हील में होने वाले बदलाव से परेशानी भी होती होगी। ऐसे लोगों के मन में कई बार यह सवाल भी आता होगा कि आखिर हमारे देश में दाईं तरफ स्टीयरिंग व्हील होने का कारण क्या होगा। दरअसल 1947 से पहले देश जब अंग्रेजों का गुलाम था उस दौर में अंग्रेजों ने अपने नियमों के अनुसार भारत में भी सड़कें बनाईं व उसी के हिसाब से यातायात की व्यवस्था की।
200 साल से ज्यादा समय तक भारत में अंग्रेजों ने शासन किया, ङस दौर में कई कानून बने जो ब्रिटेन के कानून के अधीन था वहां जो नियम बनते वे भारत पर थोप दिए जाते थे कोई विरोध करने वाला नहीं था। देश में यातयात के लिए बनने वाली सड़कें भी उन्ही की सुविधा और नियम तो देख कर बनाई गई थी। ऐस में उसी समय से लोग सड़की बाईं ओर चलने लगे। पहले के ज़माने में यातयात का सबसे प्रमुख साध घोड़ा गाड़ी होती थी। और संपन्न लोग बग्गी पर चलते थे। बग्गी चलाने वाले आगे से देथने के लिए बग्गी के दाहिनी ओर बैठ कर घोड़ा गाड़ी चलाते थे जो बाद में यातयात का नियम बन गया और उसी के अनुसार लोग सड़क के बाईं ओर चलने लगे।
बग्गी चलाने वाले जब बग्गी के दाईं ओर बैठ कर चलाते तो वे आसानी से सामने से आने वाले वाहन को देख सकते थे। आगे चल कर बग्गी वाला नियम वाहनों पर भी लागू किया गया, जिसे लोग आज भी मानते हैं और जितने भी वाहन बनने लगे वे सभी राइट हैंडेड स्टीयरिंग व्हील वाले बनने लगे।