Gold Silver Price: त्योंहार के सीजन में सोना फर्श की ओर पर आ गया है। कीमत तो आज भी गोल्ड खरीदने की तरफ मुंह करने नहीं देती। लेकिन सोना दीवाली से ही टूटने लगा है। सोना और चांदी के भाव में गिरावट के पीछे शेयर मार्केट में उछाल है। शेयर गिरने पर गोल्ड में सुरक्षित निवेश को देखा जाता है। गोल्ड में निवेश पैसे को सुरक्षित रहने का विकल्प है। सोना बैंक ब्याज तो आराम से दे देता है।

MCX पर सोना ₹3,100 और चांदी ₹5,600 लुढ़की

घरेलू बाज़ार में यह गिरावट और भी ज्यादा रही। MCX पर सोमवार रात 8.45 बजे तक सोने में ₹3,189 (2.58%) की भारी गिरावट आई और कीमत ₹1,20,262 प्रति 10 ग्राम रह गई। वहीं, चांदी ₹5,630 (3.82%) टूटकर ₹1,41,840 प्रति किलो पर पहुँच गई। इस भारी गिरावट के बाद, सोना अब तक के उच्चतम स्तर से ₹12,000 प्रति 10 ग्राम नीचे आ चुका है, जबकि चांदी अपने लाइफ टाइम हाई से ₹28,500 से ज़्यादा गिर चुकी है। इन आँकड़ों ने उन निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है जिन्होंने हाल ही में त्योहारों के दौरान ऊँचे दामों पर खरीदारी की थी।

IBJA पर भी दर्ज हुई गिरावट और बाज़ार का अनुमान

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक भी सोमवार को 24 कैरेट सोना ₹441 सस्ता होकर ₹1,21,077 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं चांदी में ₹2,002 की गिरावट दर्ज की गई और इसका भाव ₹1,45,031 प्रति किलो रह गया। दीवाली के दौरान ऑल टाइम हाई बनाने के बाद आई इस तेज़ी से गिरावट ने बाज़ार में यह सवाल उठा दिया है कि क्या सोना-चांदी के दाम जल्द ही ₹1 लाख रुपए के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे आ जाएँगे? हालाँकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बाज़ार में मंदी की आशंका गहरी हो गई है।

तेज़ी से गिरावट की मुख्य वजह

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तेज़ी से गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े संकेत हैं। अमेरिका में ब्याज दरें लंबे समय तक ऊँची बने रहने की संभावना है, जिससे डॉलर मज़बूत हुआ है। डॉलर की मज़बूती से गोल्ड और सिल्वर पर दबाव बनता है, क्योंकि निवेशक अब कीमती धातुओं के बजाय अन्य सुरक्षित निवेश साधनों, जैसे बॉन्ड, की ओर रुख कर रहे हैं। इससे कीमती धातुओं की मांग घटी है, जिसके परिणामस्वरूप कीमतों में भारी गिरावट आई है।

अब क्या करें निवेशक? एक्सपर्ट्स की सलाह

बाज़ार विशेषज्ञों ने निवेशकों को सलाह दी है कि इस अस्थिर माहौल में उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि शॉर्ट टर्म (अल्पावधि) निवेशकों को फिलहाल सावधानी बरतनी चाहिए और तुरंत कोई बड़ा फैसला लेने से बचना चाहिए। वहीं, जो निवेशक लॉन्ग टर्म (दीर्घावधि) के लिए निवेश करना चाहते हैं, वे इस गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देख सकते हैं। उनका मानना है कि लंबी अवधि में सोने-चांदी के दाम में फिर से वृद्धि हो सकती है।

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