नई दिल्ली। इंसान जिस देश में जन्म लेता है वह धरा उसकी मतृभूमि होती है, और हर कोई भावनात्मक रूप से अपनी मातृभूमि से काफी लगाव रखता है, बावजूद इसके लगातार काफी लोग भारत की नागरिकता छोड़ कर विदेश में अपना आशियाना बसा रहे हैं, या वहां बसना पसंद करते हैं। भारत की नागरिकता छोड़ने की मुख्य वजह क्या हो सकती है इस आर्टिकल में आगे समझने की कोशिश करेंगे।

किसी भी देश में रहने के कई आधार होते हैं। सबसे मुख्य है जीवन जीने के लिए आवश्यक  सुविधाएं। यदि ये सुविधाएं आसानी से मिलती हैं तो कोई भी सुकून से ज़िंदगी बसर कर सकता है। लेकिन ज़िंदगी जीने के लिए जो आवश्यक आवश्यकताएं हैं वही नहीं मिलती है तो ज़िंदगी जीना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इंसान ऑप्शन तलाशने लगता है, और मौका मिलते ही वह देश की नागरिकता छोड़ देता है।

यदि गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए आकडों को देखें, तो लगभग हर दिन 500 लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं, और साल 2021 में 163,370 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी थी। हालांकि नागरिकता छोड़ने की वजह को निजी बताया गया है। लेकिन जानकार मानते हैं कि, भारत में नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छा माहौल नहीं है, मेहनत के बदले पैसा काफी कम मिलता है, जबकि अमेरिका ऑस्ट्रेलिया कनाडा सहित कई देशों में नागरिकों को मेहनत के हिसाब से पर्याप्त पैसा मिलता है। सबसे ज़रूरी स्वास्थय और शिक्षा की फ्री और अच्छी व्यवस्था है। इसी लिए लोग भारत की नागरिकता छोड़ विदेश में बसना पसंद करते हैं।

भारत की नागरिकता छोड़ने की एक और वजह है, और वह वजह है 199 देशों की पासपोर्ट रैंकिंग में भारत का स्थान 87 नंबर पर है, जबकि कुल 60 देश हैं जहां बिना वीजा के भारतीय नागरिक यात्रा कर सकते हैं। और उसके मुकाबले दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं जहां के नागरिक बिना वीजा के दुनियाभर की सैर कर सकते हैं।