Sarso Tel Price: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सरसों तेल की कीमतों ने गोता खा लिया है। इंडिया में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला तेल है सरसों का। इसके विकल्प के रूप में तेल-तिलहन बहुत से हैं। सरसों तेल-तिलहन में तेजी होने पर सभी तेलों में भी वृद्धि देखने को मिलती है। वैश्विक बाजारों में कमजोर होने के चलते इंडिया में भी पामोलीन और सोयाबीन तेल औंधे मुंह गिर गया। मलेशिया एक्सचेंज में पामोलिन में 3.5 फीसद की गिरावट देखी गई थी जबकि, शिकॉगो एक्सचेंज में लगभग एक फीसद गिरावट रही।
दिल्ली मंडी में रुपये प्रति क्विंटल भाव
सरसों – 7,550-7,600 रुपये।
मूंगफली – 6,550 – 6,645 रुपये।
सरसों तेल दादरी- 15,250 रुपये
सरसों पक्की घानी- 2,410-2,485 रुपये प्रति टिन।
कच्ची घानी सरसों- 2,460-2,560 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल दिल्ली- 16,200 रुपये।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 15,700 रुपये।
पामोलिन एक्स- कांडला- 14,450 रुपये
सीपीओ और पामोलीन तेल में वृद्धि
विदेशी तेलों में पामतेल और पामोलीन तेल ने अच्छी ऊंचाई पकड़ी है। इन तेलों की कमी को सरसों के तेल से ही पूरा किया जा रहा है। पिछले 2-3 सालों में किसानों को तिलहन की अच्छी कीमतें मिल रही है। ऐसे में सरसों के उत्पादन भी बढ़ा है। मंडियों में सरसों की 10 लाख बोरी आई है।
Sarso Tel Price
आयातित तेल की कीमतें जब बढ़ रही है तो सरसों की खरीद को एमएसपी पर करना मुश्किल होगा। ऐसे में बाजार भाव पर इसकी खरीद की जा रही है। आयातित तेलों के महंगा होने से सरसों और मूंगफली की मांग भी बढ़ी है। ज्यादा दबाव सरसों पर ही दिया जा रहा है और पैदावार अधिक होने के चलते इसकी कीमतों ने भी गोता लगा लिया है।
सरसों का तेल आप खुद निकलवाते हो तो आपको बेहद सस्ता और शुद्ध तेल मिलेगा। इसके लिए आपको सीधे ही सरसों की खरीद करनी होगी। इसमें एक तिहाई तेल निकल जाएगा और बची हुई खल को आप बेच भी सकते हैं।