Amarnath Yatra Ka Sach: कहते हैं किसी भी झूठ को बार बार दोहराने से वो सच में बदल जाता है. और ऐसा ही कुछ हुआ है अमरनाथ यात्रा के साथ. दरअसल हमारे भारत की पीढ़ियों को ये बात कई साल से बताया जा रहा है कि अमरनाथ गुफा की खोज एक मुस्लिम गड़रिए बूटा मलिक ने की थी.
उन्हें भगवान शिवा का हिमलिंग अवतार मिला था और इस गड़रिए की खोज के बाद ही बाबा बर्फानी के बारे में देश को पता चला और लोग तीर्थ यात्री करने लगे. अब ये बात सच है या नहीं ये कोई नहीं जानता लेकिन आम जनता इस गड़रिए वाली कहानी को ही सच मानती है. लेकिन क्या आप को पता है ये बात सच है नहीं.चलिए आपको इस सच से रूबरू कराते हैं.
जानिए क्या है सच
आपकी जानकारी के लिए बता दे अमरनाथ यात्रा और भगवान शिव के हिमलिंग के बारे में 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के फ्रेंच डॉक्टर फ्रैंकोइस बेरनर की किताब और 1842 में ब्रिटिश यात्री GT vegne की किताब में लिखें है. इन किताबों में अमरनाथ यात्रा से लेकर भगवान शिव के हिमलिंग के बारे में बताया गया है.
किसी मुस्लिम ने नहीं की अमरनाथ की खोज
बता दे हमारी भारत में इतिहास को शोध करने वाली सबसे बड़ी संस्था भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओम जी उपाध्याय के हिसाब से पांचवी शताब्दी से लेकर साल 1842 तक के सभी ऐतिहासिक ग्रंथों में, रचनाओं में और लेखन में अमरनाथ यात्रा और बाबा बर्फानी के विस्तार से बताया गया है. बताया जाता है कि बाबा बर्फानी की खोज तो एक मुस्लिम गड़रिए ने की थी लेकिन ये सच नहीं है. असल में ये एक फेक नैरेटिव है जो इतिहासकारों ने और अंग्रेजों ने ए फैलाया ताकि भारत के हिन्दू को कभी उसकी गौरवमयी परम्परा का पता ना लगे और उसे लगे कि उसके धर्म की खोज भी मुसलमानों और अंग्रेजों ने की है.