विवाह असल में हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक हैं। विवाह जीवन की नई शुरुआत करने का प्रवेश द्वार माना जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुरुआत को पूजा पाठ से किया। विवाह से पहले सभी लोगों को निमंत्रण पत्र भेजने का कार्य किया जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि निमंत्रण पत्र पर भगवान गणेश की तस्वीर क्यों छपवाई जाती है। विवाह जैसे कार्य में सभी लोग निमंत्रण पत्र को सबसे पहले भगवान गणपति को सौंपते हैं लेकिन इसके पीछे की असल वजह आखिर क्या है। ऐसा क्यों किया जाता है। इस बारे में ही आज हम आपको बता रहें हैं।

सबसे पहले होती है गणेश जी की पूजा

आपको बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार भगवान गणेश का ही पूजन सबसे पहले किया जाता है। विवाह भी एक शुभ कार्य होता है। इस पवित्र कार्य की शुरुआत के लिए भगवान गणेश जी का आशीर्वाद बेहद कल्याणकारी माना जाता है। अतः किसी भी कार्य की सफलता के लिए भगवान गणेश का पूजन करना अच्छा माना जाता है। इसी कारण भगवान गणेश को घर का मुखिया मान कर विवाह में इन्हें सबसे पहले निमंत्रण पत्र दिया जाता है और भगवान गणपति का आशीर्वाद लिया जाता है।

यह है वजह

माना जाता है कि भगवान गणेश बुद्धि तथा विवेक के देवता है। इसी कारण उन्हें सबसे पहले निमंत्रण पत्र भेजा जाता है। बुद्धि तथा विवेक से जब किसी को कियाजाता है तो वह सफल अवश्य होता है। लोग सफलता की ऊंचाई पर पहुंचते हैं। इसी कारण विवाह की सफलता से लिए भगवान गणेश से सबसे पहले आशीर्वाद माँगा जाता है और इस कार्य की सफलता के लिए उनसे प्रार्थना की जाती है।