सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है और इसे घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने का महत्वपूर्ण मार्गदर्शक माना जाता है। वास्तु के अनुसार, हर वस्तु की सही दिशा में उपस्थिति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। जूते-चप्पल रखने के लिए भी वास्तु शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें न मानने से घर में अशांति, आर्थिक परेशानियां और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पल को सही दिशा में रखना आवश्यक है। ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र बताते हैं कि उत्तर या पूर्व दिशा में जूते-चप्पल रखने से मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं, जिससे घर की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
किस दिशा में रखें जूते-चप्पल
इसलिए, इन दिशाओं में जूते-चप्पल रखने से बचना चाहिए। इसके बजाय, घर में जूते-चप्पल रखने की अलमारी दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखती है और घर में शांति और समृद्धि आती है।
मेन गेट पर ना उतारें जूते चप्पल
मेन गेट के पास जूते-चप्पल उतारने से नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश हो सकता है, इसलिए ध्यान रहे कि मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल न उतारें। इसके अलावा, बेडरूम में जूते-चप्पल रखने से वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़ सकते हैं, इसलिए बेडरूम में जूते-चप्पल रखने से बचना चाहिए।
रसोईघर में नहीं पहने जूते-चप्पल
रसोईघर में जूते-चप्पल पहनकर काम करने या वहां रखने से भी वास्तु के अनुसार नुकसान हो सकता है। रसोई में अग्नि और अन्न दोनों को पूजनीय माना जाता है, और वहां जूते-चप्पल रखना अशुभ होता है। इस प्रकार, घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए वास्तु के इन सरल नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।