सीकर. खाटू श्याम के करोड़ों भक्त हमेशा से ही मंदिर जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करते हैं। दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु परेशान न हों, इसके लिए समय से एडवाइजरी भी जारी होती है। अगर आप आने वाले दिनों में विश्व प्रसिद्ध कलयुग के अवतार बाबा श्याम के दर्शन के लिए खाटू श्याम जी जाने का प्लान बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। श्री श्याम मंदिर कमेटी ने एक सूचना जारी कर बताया है कि खाटू श्याम जी मंदिर के कपाट अगले कुछ समय के लिए 19 घंटे तक बंद रहेंगे।

इस कारण बंद रहेंगे बाबा श्याम के दर्शन

मंदिर कमेटी द्वारा जारी सूचना के अनुसार, यह फैसला बाबा श्याम की विशेष सेवा पूजा और तिलक श्रृंगार की परंपरा के चलते लिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो मंदिर में हर साल किया जाता है। श्री श्याम मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष, कालू सिंह चौहान, ने बताया कि मंदिर की परंपरा के मुताबिक 1 मई को बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार होना है।

कपाट कब से कब तक रहेंगे बंद?

बंद होने का समय: 30 अप्रैल को रात 10 बजे शयन आरती पूरी होने के बाद आम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
खुलने का समय: इसके बाद अगले दिन, 1 मई को बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार किया जाएगा। श्रृंगार पूरा होने के बाद, 1 मई की शाम 5 बजे संध्या आरती के समय दोबारा से मंदिर के गर्भ गृह के कपाट आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।
इस तरह, बाबा श्याम के दर्शन लगभग 19 घंटे के लिए बाधित रहेंगे।

Khatu SHyam भक्तों से विशेष अनुरोध

मंदिर कमेटी ने सभी श्याम श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे मंदिर द्वारा जारी की गई इस सूचना का ध्यान रखें और बाबा श्याम के दर्शन के लिए 1 मई की शाम 5 बजे कपाट खुलने के बाद ही खाटू श्याम जी धाम आएं।

कौन हैं बाबा श्याम?

हारे हुए लोगों के सहारे माने जाने वाले बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का ही एक रूप (अवतार) माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के समय भीम के पौत्र बर्बरीक के पास ऐसी शक्तियां (तीन अचूक तीर) थीं जो युद्ध का परिणाम बदल सकती थीं। तब भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धारण कर उनसे उनके शीश (सिर) का दान मांगा था। वीर बर्बरीक ने बिना किसी संकोच के अपना शीश दान कर दिया था। बर्बरीक के इस महान त्याग से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि कलयुग में वे ‘श्याम’ के नाम से पूजे जाएंगे, और जो भी भक्त हारेगा, वे उसके सहारे बनेंगे।

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