चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान! घर में किसी भी सदस्य के पास हैं 1 से अधिक वोटर आईडी, जरूर पढ़ें ये खबर

Election Big Breaking: दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत कई बदलाव कर रहा है। यहां देश में नई तकनीक को काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। देश की चुनावी प्रक्रिया से जुड़ा एक महत्वपूर्ण फैसला आज भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने लिया है। आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (Special Intensive Revision – SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की शुरुआत का ऐलान किया है। यह वही प्रक्रिया है जिसे हाल ही में बिहार में सफलतापूर्वक पूरा किया गया था, जहाँ अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त का संदेश और SIR का महत्व

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने छठ पर्व की शुभकामनाओं के साथ बिहार के मतदाताओं का धन्यवाद किया और चुनाव सुधार की दिशा में एक बड़े कदम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद अब 12 राज्यों में ‘SIR’ (स्पेशल इंटीग्रेटेड रिवीजन) कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

CEC ने बिहार में इस प्रक्रिया की सटीकता पर जोर देते हुए बताया कि SIR से बनी मतदाता सूची पर मतदाताओं की ओर से ‘जीरो अपील’ दर्ज की गई है, जो इस प्रणाली की प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है।

मतदाता पात्रता: कौन डाल सकता है वोट?

CEC ने मतदान के लिए जरूरी पात्रता को भी स्पष्ट किया। संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत, वोट देने के लिए व्यक्ति का:

भारत का नागरिक होना।

कम से कम 18 वर्ष की आयु पूरी करना।

निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी होना।

किसी भी कानून के तहत अयोग्य न होना।

ज़रूरी सूचना: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि जिन 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ‘SIR’ प्रक्रिया शुरू होनी है, वहाँ की मतदाता सूची आज रात से फ्रीज कर दी जाएगी। यह कदम विस्तृत पुनरीक्षण अभ्यास शुरू करने से पहले सूची को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण है।

स्पेशल इंटीग्रेटेड रिवीजन (SIR) के प्रमुख अधिकारी और कार्य
SIR प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए चुनाव आयोग ने तीन स्तरों पर प्रमुख अधिकारियों को नियुक्त किया है:

1. मतदान केंद्र (Polling Station) स्तर:
कार्यकारी: प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) नियुक्त होता है, जहाँ लगभग 1,000 मतदाता होते हैं।

2. विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) स्तर:
मुख्य कार्यकारी: प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) होता है, जो आमतौर पर SDM स्तर का अधिकारी होता है।

ERO के मुख्य कार्य

मसौदा मतदाता सूची तैयार करना।

दावों और आपत्तियों को प्राप्त करना और उन पर निर्णय लेना।

अंतिम मतदाता सूची तैयार और प्रकाशित करना।

प्रत्येक तहसील के लिए सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (AERO) भी होते हैं।

3. अपील (Appeal) स्तर:
प्रथम अपील: ERO के निर्णय के विरुद्ध अपील जिला मजिस्ट्रेट (DM) सुनता है।

द्वितीय अपील: DM के निर्णय के विरुद्ध दूसरी अपील राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) द्वारा सुनी जाती है।

SIR इन 12 राज्यों/UTs में होगा लागू
CEC ज्ञानेश कुमार के अनुसार, SIR का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा, जिसकी शुरुआत कल (28 अक्टूबर, 2025) से होगी।

नौ राज्य:

उत्तर प्रदेश

पश्चिम बंगाल

तमिलनाडु

गोवा

छत्तीसगढ़

मध्य प्रदेश

गुजरात

केरल

राजस्थान

तीन केंद्र शासित प्रदेश (UTs):

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

लक्षद्वीप

पुडुचेरी