Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) का धरना लगातार जारी है, और बुधवार शाम इस धरने में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल खुद शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने युवाओं के बीच खड़े होकर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे पर सीधा वार किया, साथ ही भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को भी आड़े हाथों लिया। बेनीवाल ने अपनी बात किरोड़ी लाल मीणा के उन्हें छोड़कर जाने से शुरू की और यह सवाल उठाते हुए खत्म की कि एसआई भर्ती रद्द होने का श्रेय किसे मिलेगा?

‘किरोड़ी लाल मीणा वसुंधरा राजे के जाल में फंस गए’

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो क्लिप में हनुमान बेनीवाल ने किरोड़ी लाल मीणा से मुखातिब होते हुए कहा, “मैं किरोड़ी लाल मीणा से पूछना चाहता हूं कि मैंने आपके साथ बहुत समय बिताया। आप तो अकेले थे, पूरे राजस्थान में अकेले ही दौरे करते थे। मैं ही था जो आपको 7-8 लाख की रैलियों में लेकर गया।” बेनीवाल ने आगे तंज कसते हुए कहा, “लेकिन फिर पता नहीं आपको अचानक क्या हुआ, वसुंधरा राजे ने आपके ऊपर क्या मंतर-जंतर फेंका, जो आप सीधे उनके पास चले गए। उनके जाल में फंस गए। मुझे छोड़कर आप भाजपा में शामिल हो गए।”

एसआई भर्ती रद्द होने पर श्रेय की लड़ाई

बेनीवाल ने किरोड़ी लाल मीणा पर आगे आरोप लगाते हुए कहा कि “किरोड़ी लाल मीणा अब एक ही बहाना बनाते हैं कि मैंने सारे सबूत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंप दिए हैं।” बेनीवाल ने याद दिलाया कि “सबूत तो SOG ने भी दिए थे, जांच तो एसओजी ने ही की थी। जो कागज़ आपने सीएम को सौंपे हैं, वो तो युवाओं ने ही आपको दिए थे। आपने बस उसे आगे सरकार को दिया है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इसके बावजूद “हेडलाइन बनती है कि किरोड़ी लाल मीणा ने मामला खोला।”

बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि “आज हम एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करवाने और RPSC के पुनर्गठन की मांग कर रहे हैं। कल अगर फैसले हमारे हक़ में हो जाता है तो इसका क्रेडिट सिर्फ मुझे नहीं, बल्कि उन सभी को मिलना चाहिए जो इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर चुके हैं।” इस बयान के ज़रिए हनुमान बेनीवाल ने एसआई भर्ती रद्द होने की स्थिति में संभावित श्रेय की लड़ाई पर अपनी स्थिति साफ कर दी है। गौरतलब है कि एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर राजस्थान में लगातार प्रदर्शन चल रहे हैं और यह मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है।

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