आपको पता होगा ही की भारतीय सेना में अग्निवारों की भर्ती के लिए पिछले वर्ष नया अभियान शुरू किया गया था। अग्निवीरों को चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने की योजना को पिछले वर्ष हरी झंडी दे दी गई थी। इस नए भर्ती कार्यक्रम को लेकर काफी विवाह भी हुआ था। जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य प्रदेशोंके युवा सड़कों पर उतर आये थे।

इसी बीच भारतीय सेना में भर्ती को लेकर नया प्रसव आ सकता है। इस नए प्रस्ताव मुताबिक सेना में ट्रेड्समैन के पदों पर भर्ती किये जाने वाले लोगो को आउट सोर्स किया जा सकता है। इसका सीधा मतलब है कि इस पद के लिए जवानों की भर्ती नियमित नहीं होगी बल्कि इसके लिए टेंडर निकालकर सेवायें ली जाएँगी। इस प्रकार के कार्य से भारतीय सेना में 80 हजार नियमित पदों की कमी हो जायेगी।

 

सेना पर बढ़ रहा है पेंशन ओर सैलरी का बिल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेना पर सैलरी तथा पेंशन का बिल लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कारण इस प्रकार के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। आपको बता दें कि कोरोनकाल में 2 वर्ष तक सेना में जवानों की भर्ती नहीं हुई। जिसके कारण सेना में 1.20 लाख जवानों की कमी हो गई है। इसके अलावा बीते वर्ष के पहले बैच में सिर्फ 40 हजार अग्निवारों की ही भर्ती हो पायी है। अतः इस प्रकार से बजट में कटौती की जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार सेना में कुक, बार्बर तथा वाशरमैन जैसे पदों पर मैनपॉवर घटाने का स्कोप है। सेना में इनकी संख्या 80 हजार के करीब है।

राष्ट्रीय राइफल्स के पुनर्गठन का है विचार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बजट को नियंत्रित करने के लिए सेना राष्ट्रीय राइफल्स का पुनर्गठन करने का भी विचार कर रही है। इसको जम्मू कश्मीर में आतंकियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है। शुरूआती समय में यह एक छोटी सेना थी लेकिन अब इसकी 63 बटालियन हैं। लोगों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में अब आतंकवाद काफी कम है अतः सेना राष्ट्रीय राइफल्स के पुनर्गठन पर विचार कर सकती है।