नई दिल्ली: हर घर ईट, पत्थर और सीमेंट से बनाया जाता है। लेकिन उसमें जो सदस्य रहते हैं घर उन्हीं लोगों से कह लाता है। वरना यह तो सिर्फ एक मकान बन कर रह जाता है। इसीलिएजब सदस्य सभी आपस में घुल मिलकर और बहुत ही खुशी और प्यार के साथ रहते हैं तो हमेशा सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है। लेकिन कई बार जल्दबाजी में घर बनवाना हमारे लिए ही भारी पड़ जाता है। इसीलिए वास्तु के अनुसार ही घर का निर्माण करवाना चाहिए।
नव दंपति के लिए शादी के बाद उनके बेडरूम का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। अगर उनका बेडरूम सही दिशा में नहीं होता है तो उनके रिश्ते बिगड़ने और टूटने में बिल्कुल भी देर नहीं लगती है। कई बार तो बिना कुछ सोचे समझे लोग रिश्ते ही तोड़ दिया करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि जीवन बहुत ही अच्छे से चल रहा होता है लेकिन एक छोटी सी गलतफहमी या फिर तकरार से पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और कई बार दुल्हन घर छोड़कर चली जाती है और पूरा घर तबाह हो जाता है। इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें नव दंपति को जरूर अपनाना चाहिए।
– अगर आप वैवाहिक जीवन में कलेश पैदा नहीं करना चाहते हैं तो अपने बेडरूम को दक्षिण पूर्व दिशा में गलती से भी ना बनाएं क्योंकि यहां बेडरूम अगर रहता है तो जीवन में कभी भी शांति नहीं रहती है।
– नव दंपति के बेड की दिशा का भी ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है उनका बेड हमेशा वर्गाकार का होना चाहिए और लकड़ी का ही बेड हमेशा रखना चाहिए पोड़ग्राम साथ ही साथ उसकी डिजाइन पेचीदगी से भरी हुई बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। साथ ही साथ बेड का सिरहाना दक्षिण या फिर पश्चिम दिशा की तरफ खुलना चाहिए।
– कई बार नव दंपति के बेडरूम के अंदर ड्रेसिंग टेबल होता है और उसमें कांच भी लगा हुआ होता है। इसीलिए वास्तु की मानें तो दर्पण दांपत्य जीवन में दरार उत्पन्न कर सकता है इसीलिए इसे कहीं दूसरी जगह पर रखें।
– जब भी आप बेडरूम की दीवार और फर्नीचर करवाते हैं तो उसका हल्का रंग रखना चाहिए। और उसके अंदर ज्यादा सामान और गंदगी नहीं भर देनी चाहिए।
– रसोई घर का निर्माण उत्तर पूर्व दिशा में नहीं करवाना चाहिए। ऐसा करने पर पति-पत्नी के संबंधों में बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। रसोईघर अगर दक्षिण पूर्व दिशा की तरफ होती है तो उत्तम माना गया है।