नई दिल्ली: शरीर के साथ साथ कपड़े बॉडी में फिट दिखें इसके लिए महिलाएं अंदर की ओर ब्रा पहनना पसंद करती है। देश की आधे से ज्यादा महिलाएं ब्रा को अपनी सहूलियत के हिसाब से पहनती है। लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग में ली जाने वाली ब्रा के बारे में शायद ही कोई जानता होगा, कि इसका फुल फॉर्म क्या है और हिंदी नाम क्या हैं? आज हम आपको इस आर्टिकल में BRA के Full Form के साथ साथ ब्रा के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।

ब्रा का इतिहास?

महिलाओं के द्वारा पहने जाने वाली ब्रा का इतिहास काफी पुराने समय से चला आ रहा है। दुनिया भर की हर महिलाएं शरीर को फिट बनाए रखने के लिए ब्रा का उपयोग करती आई है। आज के समय में भले ही नई-नई डिजाइन की ब्रा मार्केट में उपलब्ध रहती है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब प्राचीन काल में मिस्र की महिलाए चमड़े से बनी ब्रा पहनती थीं। हालांकि, इसे पहनना बड़ा कठिन होता था लेकिन स्तन ढंकने के लिए महिलाओं को इसे पहनना पड़ता था। ग्रीक और युनानी सभ्यता में महिलाए के शरीर में साधारण ब्रेस्ट बैंड पहने जाने का उल्लेख मिलता है।

इसके बाद छठी शताब्दी के समय की महिलाओँ ने हर्षवर्धन काल में चोली पहनने का रिवाज शुरू हुआ था। धीरे धीरे इसमें सम के साथ परिवर्तन होने लगे। 19वीं शताब्दी में इसमें काफी बदलाव देखने को मिला, और बीसवीं सदी में सका रूप ही बदल गया।

ब्रा का हिंदी में क्या नाम है?

लेकिन इस बात को बहुत कम लोग जानते है कि ब्रा का फुल फॉर्म और (Full Form Of BRA )हिंदी में इसका नाम क्या है इसके बारे में भारत में बहुत कम ही लोग जानते हैं जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि इसका प्रयोग साल 1893 में न्यूयार्क में इवनिंग हेराईल पेपर में किया गया था जिसका फुल फॉर्म Brest Resting Area हैं और हिंदी में इसे छुपा वस्त्र कुछ वस्त्र और उच्च गिरी नेवी भी कहते हैं

ब्रा पहनने से  फायदा 

ब्रा को पहनने से स्त्रियों के स्तनों को सपोर्ट मिलता है। जिससे शरीर फिट बना रहता है। रीढ़ को सीधा रखने मुर्दा में सुधार करने में मदद मिलती है साथ ही साथ बताते चले कि इसमें जलन को रोकने में मदद मिलती है