Mind Body: कई रिपोट्र्स से स्पष्ट हो चुका है कि ओमिक्रॉन का संक्रमण गले तक ही सीमित रहता है। इससे फेफड़े बचे रहते हैं जिससे यह बीमारी गंभीर नहीं हो पाती, लेकिन कुछ मरीजों में इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। जानते हैं इनके बारे में-
कमजोर हो रही हैं मांसपेशियां
कुछ मरीजों में मांसपेशियां कमजोर होने जैसे लक्षण दिखाए दिए हैं। इससे कमजोरी भी अधिक हुई है।
क्या करें: रोज करीब 7-8 घंटे की नींद लें। हल्के व्यायाम करें। आहार में प्रोटीन वाली चीजें जैसे दालें, अंकुरित अनाज, पनीर, अंडे का सफेद हिस्सा आदि ज्यादा मात्रा में लें।
शुगर लेवल भी बढ़ा!
ओमिक्रॉन के बाद कुछ मरीजों में डायबिटीज का स्तर बढ़ा हुआ भी देखा गया है जबकि उनमें पहले से डायबिटीज नहीं देखा गया था।
क्या करें: कोरोना से रिकवरी के बाद ज्यादा प्यास लग रही है, बार-बार यूरिन जाना पड़ रहा है या फिर वजन में कमी हुई है तो डॉक्टरी सलाह लें व शुगर की जांच करवाएं।
हृदय गति पर भी पड़ रहा है असर
ओमिक्रॉन के उन मरीजों में हार्ट रेट बढऩे की समस्या भी देखी जा रही है, जिनमें थकान की समस्या हुई है।
क्या करें: अगर थोड़ा भी चलने पर थकान या सांस फूलने की समस्या हो रही है तो चिकित्सक से संपर्क करें। जिन्हें पहले से हार्ट की समस्या है, वे दवाइयां नियमित लेते रहें। ताकि इसका दुष्प्रभाव ज्यादा न हो।
कमर के निचले हिस्से में रहता है दर्द
ओमिक्रॉन के बाद लंबे समय तक कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या भी बन रही है। यह परेशानी लंबे समय तक देखी जा रही है। जेओई कोविड स्टडी में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है।
क्या करें: हल्के व्यायाम नियमित करें। शरीर के स्ट्रेचिंग व्यायाम काफी फायदेमंद होते हैं। अगर कमर में दर्द ज्यादा है तो फिजियोथैरेपिस्ट से सिकाई आदि भी करवा सकते हैं।
हाइ ब्लड प्रेशर के मामले ज्यादा आ रहे हैं
रिकवरी के बाद भी कुछ मरीजों में हाइ ब्लड प्रेशर देखा गया है। यह दोनों कारणों जैसे अधिक तनाव और बीमारी से हो सकता है।
क्या करें: नियमित योग-व्यायाम करें। जिन्हें पहले से बीपी की समस्या है, वे अपनी दवाइयां नियमित लें और हैल्दी डाइट लें। साथ ही स्ट्रेस से बचाव के लिए कुछ मेंटल एक्टिविटी को भी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
से भी कम है ऐसे लोगों में मृत्युदर जिन्होंने पहले कोरोना की दोनों वैक्सीन की डोज ले ली है।
तक कोरोना से होने वाली मृत्यु में मरीज ने कोरोना की वैक्सीन नहीं ली थी। ब्रिटेन में हुए एक शोध में पुष्टि।
सब वैरिएंट बीए२ से जान का खतरा अधिक
कोरोना के वैरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब वैरिएंट बीए१ व बीए२ हो गए हैं। इसमें बीए२ से मृत्यु का खतरा अधिक हो रहा है। कई ऐसी रिपोट्र्स के अनुसार इससे मृत्य दर अधिक है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना में म्यूटेशन कभी भी हो सकता है। ऐसे में अभी कोरोना का खतरा पहले जैसा ही है। अत: गाइडलाइन का पालन करते रहें।