आप जानते ही होंगे की कार को किसी दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए कार इंश्योरेंस करना कितना आवश्यक होता है। इसके अलावा क़ानूनी रूप से बह कार का इंश्योरेंस होना अनिवार्य होता ही है। आज के समय में बहुत सी इंश्योरेंस कंपनियां हैं। जो इंश्योरेंस देने का कार्य करती हैं। आप ऑफ़ लाइन या ऑन लाइन इंश्योरेंस इनमें से किसी से भी ले सकते हैं।

इसके अलावा यदि आप नई गाड़ी खरीदते हैं तो डीलरशिप वाला आपके वाहन के लिए खुद भी इंश्योरेंस कंपनी सजेस्ट करता है। आपको बता दें कि कार का इंश्योरेंस आपको एजेंट के हिसाब से नहीं बल्कि अपने हिसाब से लेना चाहिए। आइये अब हम आपको कुछ इस प्रकार की बातें बताते हैं। जिन्हें जानने के बाद आपको कार इंश्योरेंस चुनना आसान हो जाता है।

1 . थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस में अंतर जानें

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में दुर्घटना होने पर सामने वाले व्यक्ति तथा उसके वाहन को कवर किया जाता है। जब की कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस में आपको तथा आपके वाहन को कवर किया जाता है।

2 . IDV के बारे रखें जानकारी

IDV यानी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू का संबंध उस रकम से होता है। जिसको आपकी कार चोरी होने या डैमेज होने की स्थिति में आपको दिया जाता है। यह जितनी बड़ी होगी उतना ही आपके लिए अच्छा होगा। लेकिन इसका प्रभाव आपके इंश्योरेंस प्रीमियम पर पड़ता है।

3 . प्रीमियम रेट के बारे में जानें

यदि आप कार बीमा पॉलिसी को लेते हैं तो उसके प्रीमियम रेट को भी चेक कर लें। आपको बता दें कि यदि आप सस्ता इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको उसमें सुविधाएँ भी कम मिलेगी।

4 . CSR को जांच लें

CSR यानी क्लेम का सेटलमेंट रेशियो यह बताता है कि आप जिस कंपनी का इंश्योरेंस लेते हैं। उसने पिछले एक साल में कितने क्लेम का भुगतान किया। यदि यह अच्छे अनुपात में है तो आप उस कंपनी के इंश्योरेंस को ले सकते हैं।

5 . ऑनलाइन करें बीमा की तुलना

यदि आपने कोई बीमा पॉलिसी चुनी है तो उसको लेने से पहले आप अन्य बीमा पॉलिसी से उसकी तुलना कर लें। इंटरनेट पर आज कई ऐसे पोर्टल हैं। जहां पर आप विभिन्न बीमा पॉलिसी की तुलनात्मक अध्ययन अच्छे से हैं। यहां पर आप सभी बीमा पॉलिसी के प्रीमियम तथा IDV आदि की तुलना कर लें तथा उसके बाद ही सही बीमा लें।