Shyam Babu: लक्ष्य को पाने में उम्र बाध्य नहीं होती। किसी भी उम्र में जूनून के साथ लगन और पढाई आपको कामयाबी तक ले ही जाती है। 2 बच्चों के माँ बाप तक अपनी सफलता को प्राप्त करते हैं। मार्गदर्शन से पहले बच्चे को टारगेट बनाने के लिए अच्छे आइडल की आवश्यकता होती है। कुछ युवा किशोरावस्था में भटक जाते हैं, ऐसे में माता पिता को उनकी संगत का ध्यान रखना चाहिए। किसी भी सफल व्यक्ति को अपना आइडल मानकर स्टूडेंट खुद का टारगेट तय कर लेता है। उसमें घर वालों का पूरा सपोर्ट और अच्छा गुरु सफलता दिला देता है। लेकिन टारगेट के बीच में जब कुछ अच्छा मिलता है तो उसे भी स्वीकार कर लेना चाहिए। लेकिन टारगेट को तो फिर भी नहीं भूलना।

कहते हैं मेहनत करना जारी रखना चाहिए। किस्मत पर भरोसा रखों लेकिन मेहनत में कमी भी नहीं आने दो। ऐसे बहुत से उदहारण देश में हैं, जिन्होंने अपनी कामयाबी के लिए कभी हार नहीं मानी। सभी तरह की परिस्थितियों में अपना लक्ष्य पूरा करने वाले हमेशा ही युवा पीढ़ी के आइडल होते हैं। देश में बेरोजगारी के चलते आज सरकारी नौकरी भी अपने आप में किसी मैडल से कम नहीं है। सरकारी नौकरी पाना भी एक सपना रह गया है। प्रतियोगी परीक्षा में 100 पदों के लिए भी लाखों की भीड़ हिस्सा लेती है। रेलवे ग्रुप डी और एनटीपीसी में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। आज हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उन्होंने सिपाही की नौकरी करने के साथ भी तैयारी जारी रखी। आखिरकार 14 साल बाद लक्ष्य को हासिल किया।

Sucess story of shyam babu

इस शख्स का नाम श्याम बाबू हैं और ये बलिया के छोटे से गांव इब्राहिमाबाद के रहने वाले हैं। श्यामबाबू की उम्र 36 साल है। इनकी पारिवारिक परिस्थिति अनुकूल नहीं थी। आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के चलते पढ़ाई करने में भी काफी समस्याएं आई। आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते बहनों की पढ़ाई भी नहीं हो पाई। श्यामबाबू ने दसवीं से ही सरकारी नौकरी के फॉर्म भरने शुरू कर दिए थे। श्याम बाबू की मेहनत रंग लाई और उन्हें यूपी पुलिस में कांस्टेबल की जॉब मिल गई। सिपाही की नौकरी में रहते हुए ही श्यामबाबू ने प्राइवेट पढ़ाई जारी रखी। 2010 से उनको यूपी पीसीएस परीक्षा को पास करने की धुन सवार हुई।

Success Story Of Shyam Babu

श्याम बाबू ने 2016 की यूपी पीसीएस परीक्षा में 52वीं रैंक प्राप्त की। उन्हें इस प्रतियोगी परीक्षा में SDM रैंक मिली। 12वीं पास के पुलिस में कांस्टेबल की जॉब लग गई थी। 14 साल तक पुलिस में नौकरी के बाद श्यामबाबू को जब डिप्टी एसपी ने चाय के लिए भेजा तो दूकान पर शयाम बाबू के फोन पर रिजल्ट का सन्देश आया, जिसमें वो पीसीएस फाइनल मेरिट में जगह बना चुके थे। जब श्यामबाबू ने DSP साहब को चाय के साथ ये खबर सुनाई तो DSP साहब उठे और श्यामबाबू को सेल्यूट किया। साथ ही श्यामबाबू को चाय पिलाई। पुलिस में जॉब करते हुए ही स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। श्यामबाबू 6 बार के प्रयास के बाद आखिरकार SDM बन ही गए।

मीडिया और जर्नलिज्म में 20 वर्षों के अनुभव और बड़े TV और अख़बारों के संपादकों की प्रेरणा...