नई दिल्ली।  दीपावली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना गया है दीपावली पर लोग घर के साफ-सफाई से लेकर रंग पुताई करते हैं। दीपावली को दीपों का त्योहार माना गया है। कई धार्मिक मान्यताएं हैं दीपावली को मनाने की। दीपावली को पूरा देश रोशनी से जगमगा उठता है।

इस साल दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाने वाली है। दीपावली को लेकर एक सप्ताह पहले से लोग तैयारी शुरू कर देते हैं। बाजारों में रौनक और चहल-पहल बढ़ जाती है। दीपावली के दो दिन पहले से घरों में पूजा पाठ की शुरुआत हो जाती है। सबसे पहले धनतेरस पर लोग अपने घरों में नया सामान एवं गहने जेवर व बर्तन खरीद कर लाना शुभ मानते हैं। लोग नए वाहन एवं नई वस्तुएं खरीदते हैं।

धनतेरस के बाद आती है दीपावली। दीपावली पर लोग धन की देवी मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करते हैं। पूजा घर के भीतर एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान में भी की जाती है। कई लोग खुद पूजा करते हैं एवं कुछ लोग पुजारी को बुलाकर घर में विधि विधान से माता लक्ष्मी को स्थापित कर उनकी पूजा करते हैं।

दीपावली को प्रकाश उत्सव भी कहा जाता है, जाहिर है इस अवसर पर लोग घरों को अलग-अलग रोशनी से सजाने की कोशिश करते हैं। दिए जलाए जाते हैं और पूरा घर जगमग रोशनी से नहा उठना है। दीपावली के पर्व पर हर ओर उत्साह एवं उल्लास देखने को मिलता है। लेकिन घर की साफ सफाई के साथ कुछ वास्तु टिप्स अपनाना भी जरूरी होता है जिससे घर में सुख, समृद्धि और प्रसन्नता कायम रहे।

दीपावली से पहले करें घर की साफ सफाई-

हमारे धर्म ग्रंथो में साफ वर्णित है दीपावली से पहले घर की अच्छी तरह से साफ सफाई अवश्य कर ले क्योंकि दीपावली पर ऐसी मान्यता है की माता लक्ष्मी घर में विराजती हैं। यदि साफ सफाई नहीं हुई तो धन की देवी मां लक्ष्मी घर से रूठ कर जा सकती है और घर में परेशानी आ सकती हैं इसलिए इस पर्व पर घर की साफ सफाई का विशेष महत्व होता है।

दीपावली से पहले टूटे हुए शीशे को घर से करें बाहर-

वस्तु शास्त्र की माने तो टूटा हुआ शीशा नकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाला होता है। इसीलिए घर की साफ सफाई के समय यदि घर में टूटा हुआ शीशा मिले तो उसे तुरंत घर से बाहर कर दें, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो और घर में सुख शांति समृद्धि का वास हो।

खंडित मूर्ति घर से करें बाहर-

वास्तु शास्त्र के माने तो घर के भीतर या पूजा घर में खंडित मूर्ति का रहना अशोक माना जाता है और घर में इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है अत: इससे बचने के लिए घर से खंडित मूर्तियों को बाहर जल में प्रवाहित करदें।