Transmission Option: आप सब ने गाड़ी चलाया होगा और उन सभी में आपने ट्रांसमिशन देखा होगा. असल में ये एक जरूरी ऑटोमोबाइल कंपोनेंट है जो इंजन से आने वाली ऊर्जा को गाड़ी के पहियों तक पहुंचाने में बहुत ही ज्यादा मदद करता है. असल में यह एक प्रकार की intermediary device होती है जो इंजन की स्पीड को बदलकर गाड़ी को गति और शक्ति देने में मदद करता है.

इस का सबसे मुख्य काम होता है गियर यूज़ करके गाड़ी की स्पीड और टॉर्क को कंट्रोल करता है. इससे गाड़ी को जरूरत के हिसाब से अलग-अलग स्पीड में चल सकता है. असल में यह ट्रांसमिशन गाड़ी के दोनों पहियों को बदलते गियर बॉक्स से जोड़ता है. इससे गाड़ी को चलाने में काफी मदद मिलती है.

ट्रांसमिशन के प्रकार

आपकी जानकारी के लिए बता दे ट्रांसमिशन कई प्रकार के होते है. जैसे मैनुअल ट्रांसमिश, ऑटोमेटिक ट्रांसमिश सीवीटी, डब्ल्यू-ट्रॉनिक

ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन के प्रकार

बता दे हमारे भारतीय कारों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के बहुत सारे प्रकार देखने को मिलते हैं. ऐसे में जिनमें AMT, AT, और iMT शामिल हैं. ये ट्रांसमिशन आपके ड्राइविंग एक्सपीरियंस पर बहुत ज्यादा असर डालते हैं.

AMT: दरअसल AMT एक प्रकार की मैनुअल ट्रांसमिशन है जिसमें गियर चेंज करने के लिए कोई क्लच पैडल नहीं दिया गया होता है. आपको इसमें क्लच के काम को एक ऑटोमेटेड सिस्टम द्वारा संचालित किया जाता है. इससे आपको क्लच पैडल को दबाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इससे आपको सिर्फ गैस और ब्रेक पेडल का यूज़ करना होता है.

AT: इसके बाद आता है AT. ये एक पूरी तरह से ऑटोमेटेड ट्रांसमिशन है जिसमें गियर चेंज करने की प्रक्रिया आपने आप ही होती है. आपको इसमें क्लच पैडल की आवश्यकता नहीं पड़ती है. असल में यह ड्राइविंग को बहुत ही आसान बनाती है.

iMT: असल में iMT एक नया प्रकार का ट्रांसमिशन होता है. ये मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ सामग्री बनाने का प्रयास करता है. आपको इसमें क्लच पैडल की आवश्यकता नहीं पड़ती है लेकिन आपको गियर चेंज खुद करना होता है. आपको इसमें गियर चेंज करने के लिए गियर लिवर को ऊपर या नीचे मूव करना होता है. पर यहाँ पर भी आपको क्लच पैडल को दबाने की आवश्यकता नहीं होती है.