CM Ashok Gehlot Nomination: अभी कुछ दिनों में मध्य प्रदेश में चुनाव है. इसी के बाद अब बारी आ रही है राजस्थान में विधानसभा चुनाव की. धीरे धीरे ही सही पर विधानसभा चुनाव की जंग तीखी होती जा रही है. इसी वजह से कोई भी राजनीतिक दल विरोधी पार्टी हमला करने का एक मौका नहीं छोड़ रहे हैं. सब एक दूसरे पर पलटवार कर रहे हैं. इसी बीच एक और घटना हो गयी है जिसके बाद से सब का ध्यान अशोक गहलोत की तरफ चला गया है. दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर नामाकंन फॉर्म में अपने बारे में जानकारी छिपाने का आरोप लग गया है. इस आरोप के बाद चुनाव आयोग से इस बात की अपील की गई है कि अशोक गहलोत का नामांकन रद्द किया जाए और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.

आपकी जानकारी के लिए बता दे दरअसल एक पवन पारीक नाम के शख्स ने चुनाव आयोग को शिकायत पत्र भेजा. उस व्यक्ति ने अपने पत्र में लिखा है कि “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगामी विधानसभा चुनाव में सरदारपुरा के प्रत्याशी हैं. अशोक गहलोत ने अपने लंबित दो आपराधिक मामलों की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है” बता दे पवन पारीक का कहना है कि नामांकन फॉर्म में सभी लंबित आपराधिक प्रकरणों की जानकारी देना अनिवार्य है. ऐसे में उस शख्श ने आरोप लगाया है कि अशोक गहलोत का नामांकन रद्द किया जाए और साथ ही उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए.

आपराधिक मामला

पवन पारीक ने अपने पत्र अशोक गहलोत के आपराधिक मामले का भी जिक्र किया गया है. उसने बतया है कि सबसे पहला आपराधिक मामला 8 सितंबर 2015 का है. इस मामले को जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था. उस शख्श ने पत्र में एफआईआर की संख्या 409/2015 बताई है. उसने बताया है कि इसमें धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. अभी ये मामला कोर्ट में लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 24 नवंबर 2023 को होनी है.

दूसरे मामले के बारे में शख्श ने बताया है कि यह मामला 31 मार्च 2022 का है. इस मामले में शिकायतकर्ता के हिसाब से कोर्ट द्वारा अशोक गहलोत समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश देना था. अभी यह भी मामला कोर्ट में लंबित है.