आपको पता होगा ही की सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निवीर स्कीम का देशभर में विरोध हुआ था। इसके बाद भी अभी तक इसी स्कीम के आधार पर भर्तियां चल रहीं हैं। जिसके बाद 4 साल की नौकरी सेना में दी जा रही है।
इस समय सीमा के पूरा होने के बाद में सैनिकों को एकमुश्त रकम मिलती है तथा अन्य स्थानों पर भी उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। इतना होने के बाद भी इस नौकरी की यह कह कर आलोचना की जाती है की यह एक शॉर्ट टर्म नौकरी है और बाद में सैनिकों को कैरियर की चुनौती रहती है।
राजनाथ सिंह ने कहा
इन सभी सवालों के बीच केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है की यदि आवश्यकता पड़ती है तो अग्निवीर योजना में बदलाव के लिए भी सरकार तैयार है। आपको बता दें की टाइम्स नाउ समिट में राजनाथ सिंह ने इस बारे में कहा की सरकार यह तय करने की कोशिश कर रही है की अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित रहें। उन्होंने इस योजना के बचाव में यह भी कहा की सेना में युवाओं की आवश्यकता है।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा की सेना में युवा होने ही चाहिए। मेरा मानना है की युवाओं में ज्यादा जूनून होता है। वे तकनीक के मामले में ज्यादाबेहतर होते हैं। हमने इस बात का पूरा ख्याल रखा है की उनका भविष्य सुरक्षित रहें। यदि आवश्यकता पड़ती है तो हम इस योजना में बदलाव के लिए भी तैयार हैं।
यहां मिलती है प्राथमिकता
आपको जानकारी दे दें की अग्निवीर योजना में सैनिक का कार्यकाल 4 वर्ष का होता है। जिसमें से 6 माह की उसकी ट्रेनिंग होती है। इसके बाद 3.5 सालों के लिए उसको तैनाती मिलती है। इस अवधि के पूरा होने के बाद में वे सेना में नियमित सेवा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें परीक्षा देनी होती है।
यदि अग्निवीर सेना से एग्जिट होते हैं तो उन्हें राज्यों की पुलिस तथा अर्ध सैनिक बलों में भी प्राथमिकता दी जाती है। राजनाथ सिंह ने कहा की आज हम सेना को मजबूत कर रहें हैं। हथियारों की स्थिति यह है की हम सिर्फ आयात नहीं कर रहें हैं बल्कि बड़े स्तर पर हथियारों को एक्सपोर्ट भी कर रहें हैं। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत हम आगे बढ़ रहें हैं।