Chanakya Niti: ये बात तो बिलकुल सच है कि कोई भी पुरुष स्त्री की सुंदरता देखकर आकर्षित हो जाता है. कहा जाता है कि स्त्री का सबसे अहम गहना उसकी सुंदरता है.लेकिन सुंदरता के साथ साथ उनमें गुण भी होना बेहद जरुरी है. कहते हैं वही महिला बलवान होती जो अपने पति को संतुष्टि और परिवार को खुशियां देती है.बता दे आपको आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र जो कि ”चाणक्य नीति” है उस में घर, परिवार और समाज के लिए बहुत कुछ लिखा है. उन्होंने पति पत्नी के रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने की बात कि है.  चाणक्य ने कहा है कि जंगल में जाकर देखने से इस बात का पता चलता है कि सीधे वृक्ष कट जाते हैं लेकिन टेढ़े-मेढ़े पेड़ छोड़ दिए जाते है. इसका मतलब साफ है कि व्यक्ति को अधिक सीधा और, भोला-भाला नहीं होना चाहिए

हंस के समान न करें व्यवहार

आपकी जानकारी के लिए बता दे आचार्य चाणक्य ने हंस के व्यवहार को आदर्श मानकर कहा है कि जिस तालाब में पानी बहुत ज्यादा होता है वहां हंस निवास करते हैं. लेकिन अगर वहां का पानी सूखता है तो वो उसे छोड़कर दूसरे स्थान पर चले जाते हैं. इसके बाद जब बारिश होती है और वहां पानी भर जाता है तो वो उसमें लौट आते हैं. ऐसे में आप समझ गए होंगे की हंस अपनी आवश्यकता के हिसाब से किसी जलाशय को छोड़ते और पकड़ते हैं.

यहाँ पर आचार्य चाणक्य हंस का एक्साम्प्ल से यह कहना चाहते हैं की मनुष्य को हंस के समान व्यवहार नहीं करना चाहिए. मनुष्य को ऐसा होना चाहिए कि वह एक बार जिसका आश्रय ले वो उसे कभी न छोड़े. यही नहीं चाणक्य का कहना है कि अगर किसी कारण से किसी को बार बार छोड़ना पड़ रहा है तो वहां लौटकर नहीं आना चाहिए.