नई दिल्ली: दूध तो शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना गया है, लेकिन गाय भैंस के दूध से ज्यादा बकरी का दूध शरीर के लिए अमृत के समान होता है कोरोनाकाल में भी बकरी का दूध लोगों के लिए वरदान बनकर साबित हुआ था। लेकिन अब यह दूध का उपयोग पीने के साथ साथ त्वाचा के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हुआ है। जिसका उपयोग लोग झुर्रियों से लेकर कील-मुंहासे और अन्य प्रकार के त्वचा रोग (Skin Diseases) को दूर करने के लिए कर रहे हैं।
लेकिन इसके अलावा अब मध्यप्रदेश से लेकर यूपी तक की ग्रामीण महिलाएं बकरी के दूध से ऐसा साबुन बना रही है, जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है यह साबुन केमिकल मुक्त होने के कारण त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएगा और गजब का ग्लो भी लाएगा।
बकरी के दूध से बने साबुन को बनाकर महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनकर न सिर्फ पैसा कमाएंगी, बल्कि उसका उपयोग करने से लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा।
अब इस साबुन को देश के कोने कोने में पहुचाने के लिए कई बड़ी प्रदर्शनी में बकरी के दूध से बने इस प्रोडक्ट्स को रखा जा रहा है जो हर ओर आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। अब मेले में करीब 100 स्टॉल होने के बावजूद इस प्रोडक्ट्स की बिक्री शानदार तरीके से हो रही है.
नहीं होगा साइड इफेक्ट
अभी तक बाजार में मिलने वाले साबुनों में कई प्रकार के जहरीले केमिकल देकने को मिलते हैं, जो त्वाचा में कई तरह की खतरनाक बीमारियां पैदा कर रहे है। इनके रोजाना उपयोग से त्वचा पर काफी बुरा प्रभाव भी देखने को मिलता है।, लेकिन आप अगर प्राकृतिक चीजों से बने इस साबुन का उपयोग करेंगे, तो इससे आपकी त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा और त्वचा में ग्लो भी आएगा।
जावर महिला समूह ने बनाया साबुन
जानकारी के अनुसार जहां एक ओर प्रधानमंत्री द्वारा रोजगार को बढ़ाने के साथ साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ कई तरह के प्रयास के जा रहे है। जिसमें महिलाओ के नई योजनाए दी जा रही है जिसके तहत स्व सहायता समूह बनाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। खंडवा जिले में भी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं इस समूह से जुड़कर हर क्षेत्र में कार्य रही हैं। वहीं जावर महिला समूह द्वारा बकरी के दूध से उच्च क्वालिटी का साबुन बनाया जा रहा है।