मुर्रा भैंस, खेती और पशुपालन के क्षेत्र में किसानों के लिए एक प्रमुख नस्ल है जो उच्च दूध उत्पादन के लिए अच्छी जानी जाती है। इसकी दैहिक विशेषताएं और उनका दूध प्रतिदिन 30 लीटर तक की मात्रा में होता है, जिससे इसकी मांग बाजार में उच्च है।

मुर्रा भैंस की शुरुआत हरियाणा और पंजाब राज्य से हुई थी, लेकिन इसकी उच्च दूध उत्पादन और विशेषताओं के कारण यह अब पूरे भारत में पसंद की जा रही है। न केवल भारत में प्रमुखता प्राप्त कर रही है बल्कि इसे अन्य देशों में भी खूब पाया जाता है, जैसे कि बुल्गारिया, अफगानिस्तान, इटली, और मिस्त्र। इस श्रेणी की भैंसों का पालन भारत के विभिन्न राज्यों में भी किया जा रहा है, जिससे इसे व्यापक रूप से पहचाना जा रहा है।

मुर्रा नस्ल की भैंस की पहचान

मुर्रा नस्ल की भैंस का रंग गहरा काला होता है,गर्दन के मुकाबले इनका सिर हल्का होता है। मुर्रा भैंसों का सींग मुड़ा हुआ और छोटा होता है,इन भैंसों की चमड़ी पतली होती है। मुर्रा नस्ल भारी-भरकम और पूंछ लंबी होती है।

मुर्रा भैंस, जिसे अपनी ऊंची जीवशक्ति के लिए जाना जाता है, उसकी आयु लगभग 25 से 26 साल तक की होती है। इस नस्ल की विशेषता में शामिल है कि मुर्रा भैंस 6 साल की आयु में पूरी तरह से तैयार हो जाती है और बच्चे देने के योग्य होती है। यह अद्वितीय नस्ल लगभग हर दो साल में बच्चे देने के लिए तैयार होती है, जिससे उसका प्रजनन क्षमता मजबूत होता है।

दूध देने की क्षमता

मुर्रा भैंस एक दिन में लगभग 15 से 20 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है, इसका दूध गुणवत्ता वाला होता है। इस नस्ल की मुख्य विशेषता में शामिल है कि इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य भैंसों से अधिक होती है, जिससे इसे स्वस्थ रखना आसान होता है।

मुर्रा भैंस की कीमत

मुर्रा भैंसों की कीमत उनके दन्त ,उम्र और दूध देने की क्षमता पर निर्भर करती है। आमतौर पर मुर्रा भैंसों की कीमत लगभग 50 हजार रुपए से 2 लाख रुपए तक होती है।