HDFC बैंक की सहायक कंपनी, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, जल्द ही अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लेकर आने की तैयारी में है। बैंक ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी कि कंपनी का निदेशक मंडल IPO लाने पर सहमति जता चुका है, जिसमें 2,500 करोड़ रुपये तक जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस आईपीओ के जरिए कंपनी 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले नए इक्विटी शेयर जारी करेगी और साथ ही ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए मौजूदा शेयरधारक अपने शेयर भी बेच सकेंगे। IPO को शेयरधारकों और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की मंजूरी की आवश्यकता होगी, जिसके बाद इसे बाजार में लिस्ट किया जाएगा।
HDFC बैंक की HDB फाइनेंशियल सर्विसेज में हिस्सेदारी
HDFC बैंक की HDB फाइनेंशियल सर्विसेज में 94.64% हिस्सेदारी है और बैंक इस IPO में अपनी 10-15% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहा है, जिससे 7,800 से 8,700 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। इस राशि का उपयोग बैंक की पूंजी पर्याप्तता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
HDFC बैंक ने घरेलू फर्मों को किया शॉर्टलिस्ट
HDFC बैंक ने IPO की प्रक्रिया के लिए मॉर्गन स्टेनली, बैंक ऑफ अमेरिका, नोमुरा जैसी विदेशी और ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल जैसी घरेलू फर्मों को शॉर्टलिस्ट किया है। बैंक HDB फाइनेंस के लिए 78,000-87,000 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन चाहता है। जून 2024 तक, बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 19.3% था, जो IPO से और मजबूत हो सकता है।
RBI के निर्देश के अनुसार किया IPO
यह IPO भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के अनुसार किया जा रहा है, जिसमें कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होना अनिवार्य किया गया है। यह मंजूरी बजाज हाउसिंग फाइनेंस की सफल लिस्टिंग के बाद आई है, जिससे निवेशकों की रुचि और बढ़ गई है। अब बाजार की परिस्थितियों और SEBI की मंजूरी पर निर्भर करेगा कि इस IPO को कब लाया जाएगा।