खबर राजस्थान के पाली से है। आपको बता दें की हालही में यहां के सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के लाइसेंस को RBI ने कैंसिल कर दिया है। बीते बुधवार को RBI अधिकारियों ने इसका कारण बताते हुए कहा है की बैंक के पास में पर्याप्त पूंजी तथा कमाई के अवसर नहीं हैं। इसी कारण बैंक के लाइसेंस को रद्द किया गया है।

मात्र 5 लाख रुपये तक ही मिलेंगे वापस

RBI ने अपने बयान में कहा है की राजस्थान में सहकारी समितियों के पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता को DICGC से अपनी जमा राशि का 5 लाख रुपये तक प्राप्त करने का हक़ होता है। रिजर्व बैंक ने कहा है की बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.13 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।”

पहले ही किया 45.22 करोड़ का भुगतान

आरबीआई ने बताया है की 30 नवंबर, 2023 तक DICGC ने बैंक से सम्बंधित जमा कर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर DICGC अधिनियम, 1961 की धारा 18A के प्रावधानों के तहत 45.22 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। इस बैंक के लाइसेंस को रद्द के परिणाम स्वरुप सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सुमेरपुर पाली को अब बैंकिंग का कार्य करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। जिसमें अन्य बातों के अलावा जमा राशि स्वीकार करना तथा उसका पुनर्भुगतान भी शामिल है।