आज हम आपको केंद्र सरकार की “सुकन्या समृद्धि योजना” के बारे में बता रहें हैं। इस योजना को केंद्र सरकार ने बेटियों के चलाया है। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को ऊंची शिक्षा दिलाने तथा उनके शादी-विवाह जैसे अवसरों पर उनकी आर्थिक मदद करना है।

यह योजना इस बात को सुनिश्चित करती है की लड़कियों के पढ़ाई या विवाह जैसे कार्यों में उनके अभिभावकों को कोई समस्या न हो। इस योजना को 2 दिसंबर 2014 को शुरू किया गया था और अब तक लाखों लड़कियों का आवेदन इस योजना में हो चुका है। यदि आपने भी इस योजना में अपनी बच्ची का रजिस्ट्रेशन कराया है तो हमारे इस लेख को आप पूरा पढ़ें।

मिलता है इतना ब्याज

जिन लोगो ने भी सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश किया है। उनको अक्टूबर से लेकर दिसंबर के माह तक 7.6% का ब्याज दिया जाएगा। इसके लिए आपको इस स्कीम के अंतर्गत हर महीने के पांचवे दिन के ख़त्म होने तथा महीने की सबसे आखरी तारीख के मिनिमम बैलेंस पर ब्याज दिया जाता है। इस प्रकार से हर वित्त वर्ष के अंतिम समय में जो भी आपका ब्याज होता है वह आपके खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है।

मैच्योरिटी से पहले इस प्रकार निकालें पैसा

यदि मैच्योरिटी से पहले ही किसी अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो उसका सुकन्या समृद्धि अकाउंट तुरंत बंद कर दिया जाता है। इसके बाद में अकाउंट होल्डर के पैसे को ब्याज सहित उसके अभिभावक को दे दिया जाता है। आपको बता दें कि मृत्यु होने की स्थिति में मिलने वाला पैसा पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली दर के अनुसार ही दिया जाता है।

कब बंद होता है सुकन्या समृद्धि अकाउंट

सुकन्या समृद्धि अकउंट के बंद होने का समय तब होता है जब बच्ची की आयु 18 वर्ष हो जाती है अथवा उसका विवाह हो जाता है। यदि इस खाते को खुले हुए 21 वर्ष का समय हो जाता है तो भी यह खाता बंद हो जाता है।

सुकन्या समृद्धि अकाउंट से पैसे कब और कैसे निकाले जाते हैं

आपको बता दें कि जब बच्ची की आयु 18 वर्ष हो जाती है तो इसके साथ ही वह 10वीं पास कर लेती है। उस समय इस खाते से ऐसे को निकाला जा सकता है। इसके अलावा पिछले फाइनेंशियल वर्ष की शेष राशि का 50% हिस्सा निकाला जा सकता है। साल में लमसम या इंस्टालमेंट के रूप में भी पैसे निकाल सकते हैं। लेकिन इस प्रकार से पैसे को निकालने पर आपको कुछ नियमों को भी फॉलो करना होता है।