आपने कहावत सुनी ही होगी की ‘जब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी’, ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में देखने को मिला। यहां पर प्रेमी और प्रेमिका दोनों एक दूसरे से विवाह करने को तैयार थे लेकिन लड़की के माता पिता इस विवाह को संपन्न नहीं कराना चाहते थे। इसके बाद प्रेमिका थाने में पहुंच गई और थानाध्यक्ष ने थाने के मंदिर में ही दोनों का विवाह संपन्न करा डाला। यह विवाह अब क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। आइये अब आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।

यह है पूरा मामला

आपको बता दें की यह घटना मानिकपुर थानांतर्गत ग्राम दराई चुरह केशरूवा से सामने आई है। असल में यहां पर प्रेमी जोड़े नीरज तथा प्रभाव का प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों का रिश्ता तय हो चुका था तथा दोनों एक दूसरे से विवाह भी करना चाहते थे। इस वर्ष सर्दी के मौसम में दोनों के विवाह की तारीख को पक्का भी किया अजा चुका था। लेकिन इसके बाद में लड़की के पिता लड़की की शादी कहीं दूसरी जगह कराने का मन बना चुके थे लेकिन लड़का तथा लड़की एक दूसरे से ही विवाह करना चाहते थे। इस स्थिति में लड़की ने थाना मानिकपुर में तहरीर दी तथा अपने मन मुताबिक तयशुदा रिश्ते में ही शादी करने की बात कही।

थाना ही बन गया विवाह मंडप

इसके बाद में थानाध्यक्षा रीता सिंह ने दोनों पक्षों तथा स्थानीय लोगों को थाने में बुलाया तथा समझाया। जिसके बाद में दोनों पक्ष राजी हो गए। इसके उपरांत थानाध्यक्षा ने पंडित को बुलाकर थाने के ही शिव मंदिर में दोनों का विवाह संपन्न करा डाला। थाने में हुए इस विवाह को देखकर क्षेत्र के लोग झूम उठे तथा सभी ने प्रेमी जोड़े को आशीर्वाद देकर विदाई दी।

विवाह के बाद में दूल्हे नीरज ने कहा की लड़की के घर वाले विवाह को तैयार नहीं थे लेकिन लड़की घर आ गई और कहा की आज ही शादी करनी है। इसके बाद हम दोनों थानाध्यक्ष के पास पहुंचें और उन्होंने हमारी शादी करा दी। वहीं दूसरी और दुल्हन प्रभा का यदि उसके घर वाले 6 माह पहले ही इस रिश्ते को करा देते तो ज्यादा अच्छा होता। हम दोनों में लंबे समय से प्रेम प्रसंग है और विवाह के बाद में हम दोनों काफी खुश हैं।