नई दिल्ली। नाग कब बन जाए इच्छाधारी ये कोई नहीं जानता। लेकिन लोग कहते हैं कि सांप की उम्र बहुत लम्बी होती है। जब एक उम्र पार कर जाते हैं तो कोबरा के सिर पर मणि लग जाती है और इच्छाधारी बन जाता है। अक्सर हमने फिल्मों में नाग नागिन को जोड़े के अंदर पाई जाने वाली नागमणि के बारे में काफी कुछ सुना और पढ़ा है।

नागमणि को लेकर कई तरह के किस्से कहानियां हमने पढ़ी भी है। लेकिन इनमें कितनी सच्चाई है इस रहस्य को आज तक कोई सुलक्षा नही पाया है। कई लोग नागमणि जैसी बातों पर भरोसा नहीं करते है और इसे सिर्फ काल्पनिक कथा का मानते हैं। क्योकि ना तो आज तक किसी ने नागमणि को देखा है, नाही इसके बारे में कोई तथ्य हमें मिलें है। लेकिन वृहत्ससंहिता में नागमणि को लेकर कई दिलचस्प बातें पढ़ने को मिलती हैं।

रोशनी से भरी होती हैं नागमणि

वराहमिहिर द्वारा रचित वृहत्ससंहिता के मुताबिक नागमणि कोई काल्पनिक चीज नहीं है, बल्कि यह आज भी नागों के शरीर पर पाई जाती है। नागमणि को सर्पमणि के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि यह मणि नाग के सिर पर होती है. नागमणि को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसका तेज और प्रकाश जलती आग के समान होता हैइसके होने से चारों ओर रोशनी ही रोशनी हो जाती है. नागमणि को लेकर और भी कई तरह की बातें की जाती हैं, आइए जानते हैं.

वराहमिहिर ने बताई थी नागमणि की खासियत

वराहमिहिर के मुताबिक नागमणि अन्य मणि की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली और अलौकिक होती है. जिन लोगों के पास यह नागमणि होती है, वो दुनियां का सबसे ताकतवर और धनशाली व्यक्ति होता है। उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती।

वराहमिहिर ने वृहत्ससंहिता में बताया है कि पहले के समय में जिस राजा के पास नागमणि होती थी वो अपने शत्रुओं पर को असानी से पराजित कर देता था। ऐसे राजाओं के राज्य में हमेशा समय पर वर्षा होती थी जिससे अनाज का भंडार भरा रहता था। उनकी प्रजा हमेशा खुशी के साथ जीवनयापन करती थी. लेकिन मौजूदा समय की माने तो नागमणि को लेकर कोई खास जानकारी उपलब्ध नहीं है।