Success Story: देश की यूपीआई पेमेंट प्लेटफार्म के तौर पर जिन जिन कंपनियों का दबदबा रहा है. उनमें फोनपे( phonepe) में से एक है. इसकी नीव 2015 में समीर निगम ने राहुल चारी और बुर्जुन इंजीनियर के साथ रखी थी। यह तीनों ही फ्लिपकार्ट में काम करते थे।
फिंनटेक कंपनियों ने देश में लेनदेन के तरीकों को बदलकर रखा है। इन्हीं में से फोनपे(phonepe) एक है इसकी गिनती देश के प्रमुख डिजिटल फाइनेंशियल प्लेटफार्म में होती है. इसके जरिए रोज करोड़ का लेनदेन होता है. 2015 में समीर ने राहुल चारी और बुर्जुन इंजीनियर के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की थी। इस प्लेटफार्म का उद्देश्य लोगों के लिए विश्वसनीय फाइनेंशियल सॉल्यूशन प्रदान करता है. इसके पहले इन तीनों ने डिजिटल मीडिया डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्म Mime360 की स्थापना की थी। इसका 2011 में फ्लिपकार्ट ने अधिकरण कर लिया था। फोनपे की स्थापना से पहले समीर राहुल और बुर्जिन फ्लिपकार्ट के ही कर्मचारी थे।
फोनपे और फ्लिपकार्ट के बीच पार्टनरशिप फ्लिपकार्ट की ओर से 2 करोड डॉलर से काम में phonePe की अधिकरण के साथ शुरू हुई थी। यह PhonePe अधिग्रहण के साथ शुरू हुई थी। महत्वपूर्ण मील का सफर था। 2018 में वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर ली। इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से उसने फोनपे पर है नियंत्रण हासिल कर लिया। हालांकि, 2022 में फ्लिपकार्ट और PhonePe में अलग होने का फैसला किया है। इसने PhonePe के लिए आजादी के साथ काम करने का रास्ता खोल दिया।
कई हजार करोड़ का vealuesion
नवंबर 2023 तक PhonePe पूरे भारत में 50 करोड़ से अधिक यूजर और 3.7 करोड़ मर्चेंट को सेवा प्रदान कर रहा है। यह अप्प 40% से अधिक यूपीआई(UPI) मार्केट और 45% से अधिक भारत बिल पे सिस्टम(BBPS) को कंट्रोल करता है। पिछले कुछ वर्षों में इसका मूल्यांकन काफी बढ़ गया है. दिसंबर 2023 तक यह बढ़कर 12 अरब डॉलर करीब (99, 444 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है. इससे यह भारत का सबसे मूल्यवान फिंनटेक स्टार्टअप बन गया है।