हमारे देश में, गाय को पालने की परंपरा सिर्फ आजीविका का साधन नहीं, बल्कि एक गहरी सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यता भी है। गाय को ‘माता’ के रूप में पूजा जाता है, जो प्रकृति के संरक्षण और जीवन के सम्मान का प्रतीक है।

इसका दूध, घी, और अन्य उपज न केवल पोषण के स्रोत हैं, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी महत्वपूर्ण हैं। गाय के गोबर से बनी खाद जैविक खेती के लिए अमूल्य है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और पर्यावरण के अनुकूल है।

आपको पता होगा कि गाय की कीमत भारतीय बाजार में 5 लाख या 10 लाख तक होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक गाय 40 करोड़ रुपये में बिकती है। पशुओं की नीलामी की दुनिया में यह एक नया रिकार्ड बन गया है।

दुनिया की सबसे महंगी गाय आंध्र प्रदेश के नेल्लोर की है, और इसको वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस के नाम से जाना जाता है। ब्राजील में एक नीलामी में इस गाय की कीमत 4.8 मिलियन अमरीकी डॉलर लगाई गई थी, जिसको भारत के रुपये के ह‍िसाब से देखें तो 40 करोड़ रुपये के बराबर है।

इस तरह से यह दुनिया की सबसे महंगी कीमत पर बेची जाने वाली गाय बन गई है। बता दें कि मकीले सफेद फर और कंधों के ऊपर विशिष्ट तरह का बल्बनुमा कूबड़ वाली यह गाय भारत की मूल न‍िवासी है।

नेल्‍लोर जिले के नाम पर रखा गाय का नाम
इस गाय का नाम नेल्लोर जिले के नाम पर रखा गया है और ब्राजील में इसकी खूब डिमांड है। इस नस्ल की गाय का वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस है। वैज्ञान‍िकों के अनुसार, यह भारत के ओंगोल मवेशियों की वंशज है जिसको मजबूती के ल‍िए जाना जाता है।

इस नस्ल की गाय की खूबियां
आपको बता दें कि ओंगोल नस्‍ल के गाय की सबसे बड़ी खासियत ये है क‍ि ये काफी गर्म तापमान में भी रह सकती हैं और इनका मेटाब़लिज्म भी काफी अच्छा होता है। इसके अलावा इस गाय की नस्ल में क‍िसी तरह का इंफेक्‍शन नहीं होता है। इसलिए ही इस गाय को काफी पसंद किया जाता है और ब्राजील में गर्मी होने के कारण वहां के लोग इसको आसानी से पाल लेते हैं।