नई दिल्ली। बॉलीवुड की चुलबुली खुबूसरत एक्ट्रेस में से एक रही श्रीदेवी आज भले ही हमारे बीच नही है, लेकिन उनकी फिलमें और किस्से कहानियां आज भी हमारे बीच ताजा बनी हुई  हैं। उनकी फिल्मों में उनके गाने से लेकर, उनका डांस, बेहतरीन अदाएं हमेशा लोगो के बीच बनी रहती है।  वो एक शानदार अभिनेत्री ही नहीं थीं बल्कि बड़े पर्दे पर एक पहेली की तरह थीं। वो अपनी अदा के जादू से हर किसी की दिल मोह लेती थी। जो भी किरदार वो निभाती थीं, उसमें जान डाल देती थी। ऐसी ही एक फिल्म थी ‘नगीना’ जिसमें उन्होने इच्छाधारी नागिन का रोल किया था।

इस फिल्म की कहानी हरमेश मल्होत्रा ने लिखी थी। इस कहानी को ढालने के लिए पहले इच्छाधारी नागिन की भूमिका के लिए जया प्रदा को चुना गया था लेकिन उन्होनें कहानी सुनते ही इनकार कर दिया था। इसके बाद  हरमेश श्रीदेवी के पास गए, और उन्होनें तुंरत इस फिल्म में काम करने के लिए हामी भर दी।

 फिल्म के लिए क्यों राजी हुईं श्रीदेवी ?

फिल्म ‘नगीना’ की कहानी के बारे में कहा जाता है कि इसकी कहानी श्रीदेवी से ज्यादा उनकी मम्मी को काफी अच्छी लगी थी। और वो चाहती थी कि उनकी बेटी इस फिल्म को जरूर करें। इसका खुलासा खुद उन्होनें साल 1987 में हुए एक इंटरव्यू में किया था-

लेकिन इस कहानी के पीछे एक बड़ा राज भी छुपा था। श्रीदेवी भले ही नागिन का रोल कर रही थी लेकिन उन्हें सांपों से बहुत डर लगता था। दरअसल ‘नगीना’ रिलीज होने से एक साल पहले उन्होंने ‘सिने ब्लिट्ज’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें हमेशा सांप और भूत से जुड़े सपने आते थे। मुझे लोगों ने बताया है कि, सांप के सपने को देखने का मतलब होता है कि तुम्हारे बहुत सारे दुश्मन हैं। यह बात जानने के बावजूद कि यह पूरी फिल्म सापों के ही सीन्स से जुड़ी है। इसलिए वो इस रोल को करने के लिए राजी हो गई थीं।

नागीना फिल्म में श्रीदेवी ने ऐसा कमाल का अभिनय किया कि यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई। पूरी फिल्म में उनकी आंखों के एक्सप्रेशन ने फिल्म को एक नई जान दे दी। और ऐसी अदाकारी किसी दूसरी एक्ट्रेस आज तक नही कर पाई।