Jaipur News: आम लोगों को कम कीमत पर भरोसेमंद घर मिल सकें, इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राजस्थान में दो प्रमुख सरकारी संस्थाओं ने नई आवासीय योजनाएं लॉन्च की हैं। जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) और राजस्थान आवासन मंडल (जिसे हाउसिंग बोर्ड भी कहते हैं) की ओर से कुल मिलाकर 8 नई योजनाएं शुरू की गई हैं। ये योजनाएं खास तौर पर आमजन के लिए घर खरीदने के विकल्प बढ़ाएंगी। शहरी विकास और आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हाल ही में, सोमवार को इन योजनाओं का शुभारम्भ किया।

JDA की जयपुर के आसपास तीन जगहों पर भूखंड योजनाएं

JDA ने जयपुर के नजदीक तीन अलग-अलग लोकेशन पर अपनी नई आवासीय योजनाएं लॉन्च की हैं। ये योजनाएं बस्सी, चाकसू और दौलतपुरा में लाई गई हैं। इन तीनों योजनाओं में कुल 765 भूखंड उपलब्ध होंगे। इन योजनाओं के नाम गंगा विहार, यमुना विहार और सरस्वती विहार रखे गए हैं। JDA इन भूखंडों का आवंटन ऑनलाइन लॉटरी के जरिए करेगा। इन योजनाओं में भूखंडों की आरक्षित दर 11,000 रुपये से लेकर 15,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर रखी गई है। JDA ने इन तीनों योजनाओं में सड़क बनाने और भूखंडों की मार्किंग (डिमार्केशन) जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के कामों के लिए 15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, और सरस्वती विहार योजना में तो काम शुरू भी हो गया है। इन भूखंडों के लिए आप 13 मई से 12 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे, और लॉटरी 2 जुलाई को निकाली जाएगी।

आवासन मंडल की 5 योजनाओं में बनेंगे बने-बनाए आवास

राजस्थान आवासन मंडल (हाउसिंग बोर्ड) ने भी अपनी बहुप्रतीक्षित 5 आवासीय योजनाओं को लॉन्च किया है। इन योजनाओं के तहत मंडल कुल 427 आवास या फ्लैट्स तैयार करके देगा। ये बने-बनाए घर जयपुर, बारां, बूंदी और धौलपुर जैसे जिलों में उपलब्ध होंगे, जिससे इन जगहों पर लोगों को रेडी-टू-मूव घरों का विकल्प मिलेगा। हालांकि, आवासन मंडल की मौजूदा योजनाओं के बारे में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने यह भी कहा कि इनमें उपलब्ध आवास ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और मध्यम आय वर्ग के बजट से बाहर हैं।

सस्ती योजनाओं का वादा और नए नियम जारी

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस बात को स्वीकार किया कि मौजूदा कुछ योजनाएं सभी वर्गों के बजट में फिट नहीं बैठतीं। उन्होंने जल्द ही ईडब्ल्यूएस (EWS) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के लोगों के लिए विशेष रूप से सस्ती और भरोसेमंद आवासीय योजनाएं लाने का दावा किया है, ताकि ज़रूरतमंद लोगों को भी घर मिल सके। इन आवासीय योजनाओं के लॉन्च और शुभारम्भ के साथ ही, इस दौरान नए भवन विनियम (बिल्डिंग बायलॉज) भी जारी किए गए हैं, जिनसे शायद भविष्य में निर्माण और प्लानिंग के नियमों में बदलाव आएगा।

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