नई दिल्ली। 2024 के लिए होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत आज यानी 31 मार्च रविवार के दिन मेरठ से करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को देखते हुए त्रिस्तरीय सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं । प्रधानमंत्री की रैली से पहले एसपीजी के कमांडोज़ ने मेरठ में सुरक्षा व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया है। सुरक्षा के मध्य नजर मेरठ के आसमान पर ड्रोन, गुब्बारे और छोटे प्लेन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस रैली के मध्य नजर मेरठ में पांच अस्थाई हेलीपैड बनाए गए हैं। इनमें से चार हेलीपैड प्रधानमंत्री की रैली के लिए हैं।

यदि रैलियों के इतिहास को देखें तो 2014 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी अभियान का आगाज मेरठ से ही किया था। 2019 में भी प्रधानमंत्री ने मेरठ से ही चुनावी अभियान का श्री गणेश किया था। दरअसल जानकार इसके पीछे यह मानते हैं कि यह इलाका बीजेपी का गढ़ रहा है, और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ की रैली से गाजियाबाद, बागपत, गौतमबुद्धनगर, शामली और सहारनपुर के सैकड़ो गांवों को यहां से साधेंगे।

मेगा रैली बनाने का है प्रयास:

जानकार मानते हैं कि भाजपा मेरठ की रैली से पूरे देश को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि बीजेपी इस बार क्लीन स्वीप की तैयारी में है। इसके लिए मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम को चुना गया है। बीजेपी संगठन की ओर से ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की कोशिश की जा रही है, इसके लिए 25000 कुर्सियां लगाई जा रही हैं। हनुमान लगाया जा रहा है कि मेरठ की प्रधानमंत्री की रैली में तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं।

मेरठ की महारैली का मकसद है एकता दिखाना:

प्रधानमंत्री की रैली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह, एनडीए के सहयोगी संजय निषाद, अनुप्रिया पटेल और ओम प्रकाश राजभर भी प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करेंगे। मेरठ की आज की रैली में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के सीएम नसीब सैनी भी उपस्थित रहेंगे।