जैविक खेती का महत्व भारतीय किसानों के लिए कोई अन्य नहीं समझ सकता है। हमारे देश में पिछले कुछ हजार वर्षों से चली आ रही ऑर्गेनिक खेती को एक झटका लगा जब बढ़ती जनसंख्या और मौसम में बदलाव के कारण लोगों ने खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रासायनिक उर्वरक, केमिकल्स, कीटनाशक और अन्य जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल करना शुरू किया। इन पदार्थों के उपयोग से हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। इन सभी कारणों से, लोगों का ध्यान फिर से जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार किसानों को कैमिकल और पेस्टिसाइड का कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है। लेकिन किसानों को ऑर्गेनिक खेती से जुड़ी अधिक जानकारी न होने के कारण, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए, आज हम जैविक खेती के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Organic Farming के फायदे

जैविक खेती करने के फायदे बहुत हैं। इसमें भूमि, जल और वायु प्रदूषण का स्तर कम होता है। जैविक खेती में किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थों, कीटनाशकों और केमिकल फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल नहीं होता है। इससे पौष्टिक और जहर मुक्त खाद्य उत्पन्न होता है, जिसमें स्वाद भी बेहतर होता है और विटामिन की मात्रा भी अधिक होती है। इससे पशु चारा भी अच्छा होता है।

जैविक खेती करने से मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है और पानी की बचत भी होती है। किसानों को महंगे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना पड़ता है, जिससे उन्हें लाभ होता है।

जैविक खेती पर्यावरण के अनुकूल होती है और Reduce, Reuse और Recycle को बढ़ावा देती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं, जो किसानों और मजदूरों की आर्थिक हालात में सुधार करता है।

Organic Farming के नुकसान

जैसा कि हम सभी जानते हैं, खाद्य पदार्थों की उत्पादकता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। परंतु, जब हम इसे पारंपरिक खेती की दृष्टि से देखते हैं, तो जैविक खेती की उपज में कमी आती है। जैविक खेती में, हम मानवीय श्रम का उपयोग करते हैं, जबकि पारंपरिक खेती में हम आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब है कि जैविक खेती करने वाले किसानों को कुशलता के साथ-साथ, खेती के सभी तत्वों का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा, जैविक खेती को शुरू करने में पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक समय लगता है। इसलिए, हमें इस परिवर्तन के लिए सही समय और प्रयास की आवश्यकता है।