नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाने की आदत का प्रदर्शन किया है। पहले तो उन्होंने हमले को ही “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” बताना शुरू कर दिया और अब जब भारत की जवाबी कार्रवाई का डर बढ़ गया है, तो पाकिस्तानी नेताओं और पत्रकारों ने झूठ बोलने की सारी हदें पार कर दी हैं।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक अजीबो-गरीब दावा किया कि 29-30 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा के पास भारतीय वायुसेना के चार राफेल लड़ाकू विमानों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जाम कर दिया, जिससे वे पीछे हटने पर मजबूर हो गए और श्रीनगर में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।

क्या वाकई ऐसा मुमकिन है?

जिन लोगों को फाइटर जेट्स की तकनीकी जानकारी नहीं है, वे एक पल के लिए इस दावे पर विश्वास कर सकते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान का यह दावा न सिर्फ गलत है बल्कि तकनीकी रूप से हास्यास्पद भी है। यही वजह है कि रक्षा विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने इस दावे का जमकर मजाक उड़ाया है।

केवल मंत्री ही नहीं, बल्कि कई पाकिस्तानी पत्रकार और सोशल मीडिया यूजर—जिनमें हामिद मीर जैसे वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं—ने भी इस झूठ को आगे बढ़ाया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी J-10C फाइटर जेट ने भारतीय राफेल को चार मिनट तक जाम कर के रखा। लेकिन जब तकनीकी विश्लेषण किया गया, तो यह दावा खोखला साबित हुआ।

J-10CE बनाम राफेल: तकनीकी तुलना
KG600 जामिंग पॉड (J-10CE का हिस्सा)
निर्माता: चीन

तकनीक: DRFM (डिजिटल रेडियो फ्रीक्वेंसी मेमोरी)

कमियां:

सीमित फ्रीक्वेंसी कवरेज

कम पावर आउटपुट

एवियोनिक्स के साथ सीमित एकीकरण

आधुनिक रडार को जाम करने में असमर्थ

SPECTRA वॉरफेयर सिस्टम (राफेल का हिस्सा)
निर्माता: फ्रांस की थेल्स और MBDA

फीचर:

रडार और लेजर की सटीक पहचान

मिसाइल चेतावनी

रडार जैमिंग और डिकॉय डिस्पेंसिंग

पूरी तरह से राफेल के एवियोनिक्स में एकीकृत

रिएक्शन टाइम बेहद तेज

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के विशेषज्ञ जस्टिन ब्रोंक ने साफ कहा कि राफेल का SPECTRA सिस्टम J-10CE के मुकाबले काफी आधुनिक और प्रभावशाली है। उनके अनुसार, राफेल की इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा प्रणाली उसे युद्ध के दौरान ज्यादा टिकाऊ, सुरक्षित और हमलावर बनाती है। इसके विपरीत, J-10CE के पास न तो वैसी तकनीक है, न ही वह विश्वसनीयता जो किसी आधुनिक लड़ाई में असरदार साबित हो सके।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान के दावे सिर्फ प्रोपेगेंडा हैं, हकीकत से इनका कोई लेना-देना नहीं है। राफेल जैसे आधुनिक फाइटर जेट को पाकिस्तान के J-10C से “जाम” कर पाना मौजूदा तकनीकी संतुलन में संभव नहीं है।

मीडिया और जर्नलिज्म में 20 वर्षों के अनुभव और बड़े TV और अख़बारों के संपादकों की प्रेरणा...