देश दूसरे नंबर की आईटी सेक्टर की कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने वाले बयान के बाद अब एक और बयान दिया है। जिसके बाद वे सुर्खियों में फिर से आ गए हैं। आपको बता दें कि बेंगलुरु तक समिट 2023 के 26वें संस्करण में बोलते हुए उन्होंने कहा है कि देश में कुछ भी मुफ्त नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने अपनी इस बात के पीछे के लॉजिक का भी खुलासा किया है।

समाज की भलाई के लिए होना चाहिए योगदान

नारायण मूर्ति ने मुफ्त में किसी भी प्रकार की सेवायें देने के अपने बयान पर राय रखते हुए कहा है कि “मैं फ्री सर्विसेज के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं तथा सब्सिडी का लाभ उतने वाले लोगों को समाज की भलाई के लिए योगदान देना चाहिए। जब आप वे सेवायें या सब्सिडी लेते हैं तो बदले में कुछ ऐसा होना चाहिए जो आप करने के लिए तैयार हों। भारत जैसे राष्ट्र को समृद्ध देश बनाने के लिए दयालु पूंजीवाद एकमात्र विकल्प है।”

मैं गरीब पृष्ठभूमि से आया

आपको बता दें कि नारायण मूर्ति ने जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ द्वारा संचालित “फायर साइड चैट” के दौरान फ्री सेवाओं को लेकर यह बयान दिया है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा “मैं मुफ्त सेवायें देने के खिलाफ नहीं हूं क्यों की मैं एक गरीब पृष्ठभूमि से आया हूं। लेकिन मुझे लगता है कि हमें उन लोगों से भी कुछ उम्मीद रखनी चाहिए, जिन्होंने मुफ्त सब्सिडी ली है ताकी वे अपने बच्चों, अपने पोते पोतियो को स्कूल जाने के मामले में बेहतर बनाने और बेहतर प्रदर्शन करने की दिशा में थोड़ी जिम्मेदारी उठा सकें।” नारायण मूर्ति ने तीन पालियो में काम करने, अपने यहां अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने तथा चीन के साथ कॉम्पिटिशन करने का त्वरित निर्णय लेने की सलाह दी है।