दक्षिण कोरिया में रहने वाला एक समुदाय अयोध्या को अपना ननिहाल मानता है और इसक़े लिए वह बहुत जल्द राम लला का दर्शन करने के लिए आने वाले हैं।

बता दें कि एक लोककथा के अनुसार, 2,000 साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना ने किशोरावस्था में ही अपना घर छोड़ दिया था और बाद में वह कोरिया के लिए चली गई थी, इसके लिए राजकुमारी ने 4,500 किलोमीटर की दूरी नाव से तय की थी। जब वह कोरिया पहुंची तो वहां पर उन्होंने राजा किम सूरो से शादी कर ली। गया राजवंश के संस्थापक राजा से शादी करने के बाद राजकुमारी सुरीरत्ना रानी हियो ह्वांग-ओक के नाम से पहचानी गई।

इस कथा के बारे में भारतीय लोगों को कुछ भी पता नहीं है और बहुत सारे लोग यह भी नहीं जानते कि दक्षिण कोरिया में रहने वाले 60 लाख लोग खुद को राजकुमारी सुरीरत्ना के वंशज मानते हैं। इसलिए ही वे लोग अयोध्या को अपना ननिहाल भी मानते हैं।

हाल ही में जब अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना और उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई तब दक्षिण कोरिया के कई लोग इस समारोह को ऑनलाइन देख रहे थे। अब ये दक्षिण कोरिया के लोग अब राम लला को दर्शन करने के लिए मंदिर में आने का इंतजार कर रहे हैं।

हर साल अयोध्या आते हैं दक्षिण कोरियाई लोग
रानी सुरीरत्ना का वंशज मानने वाले Central Karak Clan Society के लोग हर साल अयोध्या आकर Queen Heo Memorial Park में आकर रानी को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। बता दें कि रानी के इस स्मारक को अयोध्या में सरयू नदी के तट पर साल 2001 में बनाया था। इस पार्क को उत्तर प्रदेश सरकार ने दक्षिण कोरिया के Gimhae शहर के साथ पार्टनरशिप में मिलकर बनवाया था।

Central Karak Clan Society के महासचिव किम चिल सू ने अयोध्या के लिए कहा, ‘अयोध्या हमारे लिए बहुत खास है और यह हमारा ननिहाल है।’ उनको राम मंदिर के उद्धाटन समारोह में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रित भी किया गया था और वह सहर्ष रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल भी हुई थीं।

रानी सुरीरत्ना का स्मारक पार्क
आपको बता दें कि रानी सुरीरत्ना का यह पार्क करीब 2,000 स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है जिसमें एक मेडिटेशन हॉल, रानी और राजा को समर्पित मंडप, फव्वारा, भित्तिचित्र और ऑडियो, वीडियो सुविधाएं भी दी हैं। इन मंडपों को कोरियाई शैली में बनाया गया है जिनकी छत छिछली हैं।

कोरिया के यु-जीन ली फरवरी में 22 लोगों के साथ अयोध्या में आने वाले हैं। उनका कहना है कि, ‘हम हर साल अयोध्या आकर रानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं लेकिन इस बार हमने सोचा है कि हम राम मंदिर के भी दर्शन करने जाएंगे। हमने राम मंदिर उद्धाटन समारोह को ऑनलाइन देखा और यह काफी था।’