नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा है। इस बार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में भारत ने पड़ोसी मुल्क को साफ शब्दों में कहा कि वह ‘आतंकवाद का जन्म देने वाला’ है और पीड़ितों की तरह दिखावा नहीं कर सकता। भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी अनुपमा सिंह ने भारत का पक्ष रखते हुए जो बयान दिया, उसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है।

भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह के तीखे बोल

भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान के दावों का जवाब देते हुए कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले और उसे अंजाम देने वाले लोग पाकिस्तान की धरती से ही काम करते हैं।” उन्होंने आगे बताया, “इसी के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसा सटीक अभियान चलाया, जिसका सीधा निशाना पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकवादी ढांचे थे।” अनुपमा सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान सिंधु जल समझौते को लेकर भी झूठी कहानियाँ गढ़ रहा है और मामले को बेवजह उलझाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं कि किसी भी आम नागरिक को निशाना न बनाया जाए और न ही कोई घायल हो।

हमारा लक्ष्य केवल पाकिस्तान से प्रशिक्षण पाए आतंकवादी और उनके ठिकाने थे।” अपने भाषण का समापन करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “एक ऐसा देश जो आतंकवाद को जन्म देता है, वह कभी भी खुद को पीड़ित के तौर पर पेश नहीं कर सकता।”

कौन हैं IFS अधिकारी अनुपमा सिंह?

अनुपमा सिंह एक अनुभवी भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं, जो पिछले 9 सालों से इस पद पर कार्यरत हैं। विदेश सेवा में आने से पहले, उन्होंने 2012 से 2014 तक KPMG कंपनी में काम किया था। KPMG में उन्होंने कंसल्टेंट के तौर पर अपनी शुरुआत की थी और बाद में सीनियर कंसल्टेंट के पद तक पहुंचीं। साल 2014 में उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन से अपनी ट्रेनिंग पूरी की। इसके अतिरिक्त, वह 2008 से 2011 तक CFA प्रोग्राम का भी हिस्सा रही हैं।

अनुपमा सिंह की अकादमिक पृष्ठभूमि

अनुपमा सिंह की अकादमिक योग्यता काफी प्रभावशाली है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फाइनेंस में MBA की डिग्री हासिल की है और उन्हें कॉरपोरेट फाइनेंस, वैल्यूएशन और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में विशेष महारत हासिल है। एक और उल्लेखनीय बात यह है कि उनके पास MANIT (मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) से बीटेक की इंजीनियरिंग डिग्री भी है।

मीडिया और जर्नलिज्म में 20 वर्षों के अनुभव और बड़े TV और अख़बारों के संपादकों की प्रेरणा...