राजस्थान में यह बात बिलकुल फिट बैठती है की यहां पर जनता हर 5 साल में सरकार बदल देती है। इसी कारण राजनीतिक रूप से यहां के लोगों को जागरूक माना जाता है। हालांकि यह हर सीट पर नहीं होता है। असल में सरकार बदलने के ट्रेंड को यहां की 57 सीटों का समूह तय करता है। आज हम आपको इन्हीं 57 सीटों के संभावित परिणाम के अनुसार यह बता रहें हैं कि इस चुनाव में बीजेपी या कांग्रेस किसका पड़ला भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।

57 सीटों के अनुसार

आपको बता दें कि 2008 के परिसीमन के बाद भी यह ट्रेंड नहीं बदला है। यदि इन विधान सभा चुनावों में भी इन 57 सीटों के मतदाता इसी ट्रेंड को जारी रखते हैं तो राजस्थान में फिर से सरकार बदलने की प्रवाल संभावना है। राजनीतिक विश्लेषक लाल कुमार चुग ने 3 बार के विधान सभा चुनावों का विश्लेषण कर बताया है कि 57 सीटें प्रत्येक चुनाव में सरकार बदलने के ट्रेंड के अनुसार ही चल रहीं हैं।

अजमेर में हैं सबसे ज्यादा सीटें

आपको जानकारी दे दें की इस प्रकार की सबसे ज्यादा 13 सीटें अजमेर संभाग में हैं। जयपुर में 12 तथा उदयपुर और जोधपुर में 8-8 सीटें इस प्रकार की हैं। कोटा में 8 तो बीकानेर तथा भरतपुर में 5-5 सीटें हैं। लाल कुमार बताते हैं कि ये वे सीटें हैं जिन्होंने 100 प्रतिशत की दर से बदलाव का परिणाम दिया है। हालांकि कुछ सीटों में सिर्फ बीजेपी या कांग्रेस के विधायक ही नहीं जीतते हैं बल्कि छोटी पार्टी के लोग या निर्दलीय प्रत्याशी भी जीतते हैं।

बीजेपी के 28 और कांग्रेस के 5 गढ़

प्रदेश में बीजेपी के पास ऐसी 28 सीटें हैं जहां उसके प्रत्याशी लगातार 3 बार से जीत रहें हैं। वहीं कांग्रेस के पास ऐसी 5 सीटें हैं। हलाकि राजस्थान ें ऐसी भी कई सीटें हैं जो इस चर्चित ट्रेंड से हटकर चल रहीं हैं।