केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ जेपी नड्डा 28 सितंबर को सुबह जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जयपुर एयरपोर्ट पर उन्हें सी ऑफ करने के लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, सतीश पुनिया तथा सांसद दीया कुमारी मौजूद थे। इस प्रवास के दूसरे दिन शाह तथा नड्डा ने बीजेपी नेताओं से बातचीत की। इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत तथा सीपी जोशी भी मौजूद थे। बातचीत के बाद शेखावत ने प्रेस वार्ता में बताया की दोनों नेताओं ने यहां आकर आगामी विधानसभा चुनाव से जुडी सभी समीकरणों को लेकर चर्चा की है। इस बात पर भी मंथन हुआ है कि आने वाले समय में चुनाव किस और जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि नड्डा तथा शाह के साथ पार्टी के आगामी चुनावी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई है। राजस्थान में मध्य प्रदेश का टिकट फार्मूला लगेगा या नहीं यह केंद्रीय चुनाव समिति तय करेगी। उन्होने आगे कहा की किसी भी वरिष्ठ नेता को इग्नोर नहीं किया जा रहा है बल्कि सभी मिलकर आगे बढ़ रहें हैं। आपको बता दें कि शाह-नड्डा का आरएसएस कार्यालय ‘सेवा भारती” में जानें का कार्यक्रम था लेकिन दोनों नेता होटल से सीधे एयरपोर्ट पर चले गए।

पहली लिस्ट हुई तैयार

शाह-नड्डा की जयपुर में हुई बैठकों के बाद यह कहा जा रहा है की बीजेपी की पहली लिस्ट तैयार हो चुकी है। इस सूची में उनका नाम शामिल है जो निर्विवाद है। अब सिर्फ अंतिम मुहर का इंतजार है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने मध्य प्रदेश में दो तथा झारखंड में एक सूची को जारी कर दिया है।

लेकिन राजस्थान में भी एक भी सूची तैयार नहीं हुई है। आपको बता दें कि अमित शाह तथा जेपी नड्डा के इस दौरे ने उन उम्मीदवारों की टेंशन को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है जो टिकट के उमीदवार हैं। इस बात पर सवाल उठ रहें हैं कि क्या राजस्थान में भी मध्य प्रदेश वाले फार्मूले को अपनाया जाएगा।

सांसदों को भी मिल सकता है टिकट

आपको बता दें कि शाह-नड्डा के इस दौरे के दौरान बीते बुधवार को दोनों नेताओं की वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाक़ात हुई थी। इस मुलाकार में टिकट वितरण पर चर्चा हुई थी। अब ऐसी आशंका है की इस बार सांसदों को भी विधानसभा का टिकट दिया जा सकता है। आपको बता दें कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश की दो सूचियों में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसद विधानसभा चुनाव में उतारे हैं। अतः अब संभावित डिमोशन के कारण सांसद इस विधानसभा चुनाव में नहीं उतरना चाह रहें हैं। अब देखना है कि केंद्रीय नेतृत्व इस पर क्या फैसला करता है।