नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने शनिवार (24 मई) को घोषणा की कि भारत अब जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सुब्रह्मण्यम ने कहा, “वैश्विक और आर्थिक माहौल भारत के अनुकूल बना हुआ है, और मैं जब यह बात कह रहा हूं, तब हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके हैं। आज हम 4,000 अरब डॉलर (4 Trillion Dollar) की अर्थव्यवस्था का आंकड़ा पार कर चुके हैं।”

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों का हवाला

सुब्रह्मण्यम ने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के अनुसार, अब भारतीय अर्थव्यवस्था जापान से भी बड़ी हो गई है। इस बड़ी उपलब्धि के साथ, भारत अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाओं से पीछे है। सुब्रह्मण्यम ने भविष्य का आकलन करते हुए आगे कहा कि अगर भारत अपनी मौजूदा विकास योजनाओं पर कायम रहता है, तो अगले ढाई से तीन साल में जर्मनी को भी पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।

चुनौतियों के बावजूद जारी रही आर्थिक रफ्तार

भारत ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का यह महत्वपूर्ण मुकाम ऐसे समय में हासिल किया है, जब वैश्विक स्तर पर कई आर्थिक हलचलें देखने को मिली हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ (US Tariff) के बावजूद दुनिया भर में मंदी की आशंकाएं थीं, लेकिन इसका भारत की विकास दर पर कोई असर नहीं पड़ा। इसके अलावा, पाकिस्तान के साथ जारी तनाव का भी भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। भारत लंबे समय से दुनिया में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ था, और अब उसने जापान को पीछे छोड़कर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।

टैरिफ और एप्पल आईफोन पर सीईओ की टिप्पणी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि अमेरिका में बिकने वाले एप्पल आईफोन (Apple iPhone) का निर्माण अमेरिका में ही होगा, न कि भारत में या किसी और जगह पर।” उन्होंने आगे टैरिफ के भविष्य पर अनिश्चितता जताते हुए कहा, “गतिशीलता को देखते हुए, हम विनिर्माण के लिए एक किफायती जगह ज़रूर होंगे।” सुब्रह्मण्यम ने यह भी जानकारी दी कि परिसंपत्ति मुद्रीकरण (एसेट मोनेटाइजेशन) पाइपलाइन का दूसरा दौर तैयार किया जा रहा है और इसकी घोषणा अगस्त में की जाएगी।

तेज़ रफ्तार से दौड़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था

विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ और तमाम वैश्विक एजेंसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मज़बूती को स्वीकार किया है। अपनी हालिया जारी रिपोर्ट्स में इन संस्थाओं ने आगे भी भारत की जीडीपी ग्रोथ रफ्तार को सबसे आगे रहने की बात कही है। इसी क्रम में, बीते दिनों केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) की एक रिपोर्ट में अनुमान ज़ाहिर किया गया है कि चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जिससे वित्त वर्ष 2025 की कुल ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि, होटल और परिवहन के साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत परफॉरमेंस से यह ग्रोथ गति पकड़ रही है।

टैरिफ और महंगाई की चपेट में जापान की इकोनॉमी

जिस समय भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी होने का तमगा हासिल किया है, वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के साथ-साथ महंगाई में लगातार बढ़ोतरी के चलते जापान की अर्थव्यवस्था पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान में अप्रैल के दौरान महंगाई तेज़ी से बढ़ते हुए 3.5% पर पहुंच गई थी, जो बाज़ार के पूर्वानुमानों से भी ज़्यादा थी। यह दिखाता है कि भारत की आर्थिक प्रगति वैश्विक स्तर पर चल रही कई चुनौतियों के बीच भी जारी है।

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