नई दिल्ली। पूरे देश में श्रृद्धा के साथ मनाया जाने वाली सोमवती अमावस्या 17 जुलाई दिन सोमवार को पड़ रही है। इस बार सावन की अमावस्या तिथि 16 जुलाई रविवार को रात 10:08 बजे से लेकर 18 जुलाई को 12:01 तक रहेगी। साथ ही इस दिन सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी रखा जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान भोले नाथ की कृपा सब पर बरसती है। इस दिन सुबह स्नान करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है और विशेष दान करने के बाद आपके नाराज पितर भी खुश हो जाते हैं। यदि किसी के घर में पितृ दोष हा तो इस मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन करें ये आसान उपाय..

सोमवती अमावस्या 2023 पितृ दोष उपाय

यह सावन की सोमवती अमावस्या के दिन की जाने वाली पूजा भगवान भोलेनाथ को खुश करने के साथ पितरों से आर्शीव्द पाने का एक बहुत जरिया भी है। इस दिन आप शिव पूजा करने के बाद शिव गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। इसे आप सुबह या शाम को किसी भी वक्त इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। शिव गायत्री मंत्र है- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।  शिव कृपा से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी।

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें। जल और दूध पीपल की जड़ों में सींचे. जनेऊ और तेल का दीपक अर्पित करें। फिर पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा 108 बार परिक्रमा करने से पितृ दोष दूर होगें और पितर खुश होते हैं।

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह स्नान करके हाथ में कुश की पवित्री पहनकर पितरों को स्मरण करके जल से तर्पण दें। पितरों की पूजा के समय पितृ सूक्त का पाठ करें। आपके नाराज पितर प्रसन्न होंगे।

सावन की सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव शंकर की पूजा करें. ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए महादेव को मदार या आक के 21 फूल चढ़ाएं. बेलपत्र, दूध, दही से पूजन करें। पितृ दोष दूर होगें।

नाराज पितरों को खुश करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए जल, अन्न, वस्त्र आदि का दान करें। पितृ दोष मिट जाता है।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन कुत्ते, गाय, कौआ आदि को भोजन का एक हिस्सा निकलकर दें। यह निकाला गया भोजन ग्रहण करने से पितरों को प्राप्त होता है। इससे पितर खुश होते हैं।