नई दिल्ली। भारत में इन दिनों सड़कों पर बढ़ रही क्राइम की घटनाओं को देखते हुए अब सड़क एव परिवहन मंत्रालय ने कमर कस ली है। जिसके चलते परिवहन नियमों में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं और यह बदलाव उन बाइक और स्कूटर के लिए किया जा रहा है जिसका इस्तेमाल कॉमर्शियल पैसेंजर व्हीकल के तौर पर किया जाता है। मतलब जो लोग अपने मोटरसाइकिल से Ola, Uber, Rapido में काम करके कमाते थे। अब उन्हें अपने बाइक में कुछ और मॉडिफिकेशन करवाना होगा।
दिल्ली सरकार में बनाए जा रहे नए वाहन नियम के अनुसार कैब के रूप में इस्तेमाल होने वाले वाहनो जैसे मोटरसाइकिल और स्कूटर के लिए यह नए नियम जारी किए रहे हैं जिसके वजह से मोटरसाइकिल को उपयोग करने के लिए आपको दोबारा से मोडिफिकेशन करवाने की जरूरत पड़ेगी।
इतनी ही मही इस नए नियम में यह भी कहा जा रहा है की कैब के रूप में इस्तेमाल होने वाले दोपहिया वाहन जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में चलाए जा रहे हों वो इलेक्ट्रिक हो तो ज्यादा बेहतर है हालांकि इस पर अभी सर्वसम्मति नहीं बनी है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि कैप चलाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का होना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
लगवाना होगा जीपीएस.
यात्रियों को सफर के दौरान उन्हें पूरी तरह से सुरक्षा मिले, इसके लिए हर कैब वालों को अपनी गाड़ियों में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा ताकि गाड़ियों पर निगरानी रखी जा सके और किसी भी आपात स्थिति में रेस्क्यू करना आसान हो। अगर सामान्य गाड़ियों को परिचालन की मंजूरी मिल जाती है तो उसमें हर हाल में जीपीएस का अनिवार्य होना सबसे प्रमुख है।
लेना हो सकता है नया लाइसेंस.
कैब के रूप में कमर्शियल एक्टिविटी करने के लिए दो पहिया वाहन चालकों को अतिरिक्त लाइसेंस प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा, जिसकी जांच लाइसेंस के साथ-साथ परमिट के तौर पर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा की जाएगी। हालांकि नए परमिट सिस्टम को लेकर अभियुक्त संपूर्ण दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं और इस पर अभी प्रक्रियाएं जारी है।
