नई दिल्ली: ज्योतिषशास्त्र में शनि की साढ़े साती की दशा होने.या, ढैय्या लगने को अशुभ माना गया है। इन दशाओं के लगते ही मनुष्य कई बड़ी कठिनाइयों से होकर गुजरता है। यदि उसके पूर्व जन्मों में अच्छे कर्म रहे हो तो शनि की दशा उसके जीवन में तरक्की की दिशा असान कर देती है।

वर्तमान में कुंभ, मकर एवं धनु राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इसी तरह से मिथुन तथा तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। इनके अलावा जन्मकुंडली के अनुसार कई अन्य लोगों को शनि की महादशा या अन्तर्दशा भी चल रही है। ऐसे में ये सभी लोग जो भी काम करेंगे उन्हें नकामी ही मिलेगी। यदि आप इन दशाओं से उबरना चाहते है तो शनिवार के दिए करें ये उपाय। जानिए ऐसे ही उपायों के बारे में

शनि की साढ़े साती, ढैय्या, महादशा से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

शनि की दशा से मुक्ति पाने का सबसे आसान उपाय है कि आप रामभक्त हनुमानजी की शरण ली जाए। हनुमानजी की पूजा करने वाले लोगों को शनि अपनी दृष्टि कभी नहीं डालता है। ज्योतिष के अनुसार बजरंगबली की पूजा से शनि के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शनिवार तथा मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर का चोला तथा प्रसाद चढ़ाने से शनि सहित सभी अशुभ ग्रह शुभ बन जाते हैं।

भगवान शिव का पाठ करने से भी बुरे ग्रहों का असर दूर होता है। शनि से पीड़ित लोगों को प्रतिदिन शिव का गंगा जल से अभिषेक कर शिव तांडव स्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे शिव प्रसनन होते है। शनि, राहु और केतु सहित सभी नौ ग्रह शिव की कृपा से अपना अशुभ प्रभाव छोड़ देते हैं। प्रतिदिन शिव का अभिषेक करने वाले व्यक्ति को कभी कोई कष्ट नहीं होता है।
शनि को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष में शनि के मंत्रों का जप करना भी बताया गया है। इसके लिए आपके बोले जाने वाले शनि के मंत्रों का उच्चारण सही होना चाहिए। इसके बाद ही शनिवार को अथवा प्रतिदिन जप करना चाहिए। इससे भी शनि के दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

शनि की महादशी से बचने के लिए आप वस्तुओं का दान करे।  शनिवार को काले वस्त्र, जूते, छाता, काला कम्बल, सरसों का तेल, लोहा आदि दान करना चाहिए। इससे भी शनि के अशुभ प्रभावों में कमी आती है। इसके अलावा किसी गाय, कुत्ते आदि को भोजन दें या पक्षियों को दाना डाल दें तो वह भी ग्रहों को अनुकूल बना देता है।