बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके और पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने वाले कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने इस बात का ऐलान ऐसे समय में किया था जबकि उनकी 100वीं जयंती है।

भारत रत्न है सबसे बड़ा नागरिक सम्मान

आपको बता दें कि भारत रत्न देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। यह सम्मान उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया होता है।

देश के सर्वश्रेष्ठ अवॉर्ड भारत रत्न को देने की शुरुआत साल 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी, उन्होंने पहली बार तीन लोगों, भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन को दिया था।

भारत रत्न देने के लिए प्रधानमंत्री करते हैं सिफारिश

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये भारत रत्न किसको देना है इसके लिए लोगों की सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति से की जाती है। जिसके बाद राष्ट्रपति उस व्यक्ति को इस अवॉर्ड से नवाजते हैं। इस पुरस्कार के तहत सम्मानित व्यक्ति को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर वाला एक प्रमाण पत्र और एक पदक दिया जाता है।

26 जनवरी को मिलता है भारत रत्न

जब इस सम्मान को देने की शुरूवात हुई थी तो ये केवल जीवित लोगों को दिया जाता था। लेकिन साल 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान बनाया गया। भारत रत्न को प्राप्त करने की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी की जाती है। इस सम्मान को 26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस पर लोगों को दिया जाता है।

बता दें कि कर्पूरी ठाकुर 49वें व्यक्ति हैं जिनको यह पुरस्कार दिया गया है। एक साल में ज्यादा से ज्यादा तीन लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है।

भारत रत्न वाले को मिलता है वीआईपी दर्जा

जिसको भी यह सम्मान दिया जाता है उसको देशभर में वीआईपी समझा जाता है। भारत रत्न से सम्मनित व्यक्ति को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह दी जाती है।

भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को मिलने वाली सुविधाएं

  • इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर वीआईपी का दर्जा दिया जाता है।
  • भारत रत्न दिये जाने वालों को आयकर न भरने की छूट मिलती है, इसके साथ ही वह संसद की बैठकों और सत्र में भी भाग ले सकते हैं।
  • स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में भी वह विशेष अतिथि के तौर पर भाग ले सकते हैं।
  • भारत रत्न से सम्मानित लोगों को हवाई जहाज, ट्रेन और बस में भी निशुल्क यात्रा की छूट दी जाती है।
  • संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ‘भारत रत्न’ का प्रयोग नहीं कर सकता है। लेकिन वह अपने बॉयोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता लिख सकते हैं।
  • भारत रत्न मिलने वाले को सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह मिल जाती है, इससे उनको सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता मिल जाती है।
  • राज्य सरकार भारत रत्न मिलने वालों को अपने राज्यों में सुविधाएं मुहैया कराती है।