नई दिल्ली: एप्पल के आईफोन अपनी दमदार खासियतों के चलते जाने जाते है। ौर दमदार पीचर्चस दिए जाने के चलते ही  iPhone  इतने मंहगे सेल  किए जाते है। iPhone के दमदार फीचर्स के साथ इसके कैमरे की खासियत  को देखकर लोग इसे खरीदना भी काफी पसंद  करते है। और लोगों की बढ़ती पसंद को देखते हुए ही कपंनी ने 15 सीरीज के फोन को इसी महीने मार्केट में पेश करने का फैसला लिया है

लेकिन 15 सीरीज के बाजार में पेश होने से पहले ही आईफोन 14 के प्रो मॉडल्स को 10 से 15 हजार की कीमत के साथ मार्केट में बेचा जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते है इतनी कम कीमत में बिकने वाले फोन फेक रेप्लिका मॉडल्स हो सकते हैं जो ग्राहकों को इस ब्रांड के नाम से धोखे में डाला जा रहा है।

बाजार में जालसाजी से बिकने वाले फेक आईफोन के मॉडल्स देखने में हूबहू असली आईफोन की तरह ही दिखाई देते हैं. ऐसे में हर कोई धोखा खा सकता है. अगर आप इन्हें पहचानने का तरीका नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

यदि आप आईफोन का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी बैटरी से ही बता दें कि आपको आईफोन असली है या नकली। अगर आपका आईफोन चार्ज करने के बाद सिर्फ कुछ ही घंटे तक चलता है तो समझ लीजिए कि आप क्लोन वाला मॉडल इस्तेमाल कर रहे हैं।
आपका आईफोन यदि खरीदने के बाद जरूर से ज्यादा हैंग हो रहा है तो समझ जाइए की आपको साथ धोखा हुआ है। क्योंकि असली आईफोन में ऐसे फपीचर्स होते है कि वो कभी हैंग ही नहीं करता है लेकिन नकली मॉडल में समस्या देखने को मिलती है ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए कि यह मॉडल नकली है।

आईफोन हमेशा दमदार कैमरा के लिए ही जाना जाता है यदि आपके वाले मॉडल से फोटोस में अच्छी क्वालिटी देखने को नही मिल रही है तो समझ जाइए कि यह नकली मॉडल है।

रिफ्रेश रेट की मदद से आप 1 मिनट में जान सकते हैं कि आईफोन का डिस्प्ले असली है या नकली। यदि आपका रिफ्रेश रेट बहुत ज्यादा स्लो हो तो आपको समझ जाना चाहिए कि मॉडल नकली है।

रियर पैनल को चेक करना सबसे जरूरी होता है क्योंकि नकली आईफोन में यह प्लास्टिक का बना रहता है जबकि असली वाले मॉडल में जो बैक पैनल है उसे ग्लास मटीरियल से तैयार किया जाता है जिसे आईफोन कहीं ज्यादा प्रीमियम नजर आता है।