नई दिल्ली : सीएनजी (CNG) एवं पीएनजी (PNG) उपयोग करने वालों के लिए आने वाली है बड़ी खुशखबरी। कल यानी गुरुवार 6 अप्रैल को पीएम मोदी की अगुआई में कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई, इस बैठक में कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। अब आने वाले समय में पाइप लाइन से सप्लाई होने वाली घरेलू गैस और कार व दूसरे वाहन में उपयोग होने वाली गैस यानी सीएनजी की कीमतों का निर्धारण नए फॉर्मूले के आधार पर तय होंगी। इतना ही नहीं आने वाले समय में सीएनजी और पाइप लाइन से सप्लाई होने वाली रसोई गैस की कीमतें जो बेतहाशा बढ़ती थीं उनमें भी लगाम लगेगी। इनकी अधिकतम कीमत का निर्धारण होगा। इस विषय की जानकारी दी है केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में जो सबसे महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है वह है एपीएम गैस के लिए 4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार कीमत तय किया जाना। अब इनकी कीमतें अधिकतम 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से ऊपर नहीं जाएगी।
क्रूड के आधार पर कीमतें होगीं तय
कैबिनेट के फैसले को देखें तो जो नया फॉर्मूला तय किया गया है उसके अनुसार घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतें पुराने फॉर्मूले अंतर्राष्ट्रीय हब गैस की बजाय अब इंपोर्टेड क्रूड के आधार पर कीमेतें तय की जाएंगी। यानी आने वाले समय में घरों में उपयोग होने वाली घरेलू गैस के प्राइज भारतीय क्रूड बास्केट के वैश्विक कीमतों के आधार पर हर महीनें एवरेज 10% रखा जाएगा। जो मंथली आधार पर घोषित किया जाएगा। जानकार मानते हैं कि इस फॉर्मूले से पीएनजी, सीएनजी, फर्टिलाइजर आदि से जुड़े सभी प्लांटों को फायदा होगा। जबकि आम लोगों को जो घरेलू गैस उपयोग करते हैं उन्हें सीधा मुनाफा होगा।
नई इंडियन स्पेस पॉलिसी पर लगी मुहर
कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल द्वारा भारतीय अंतरिक्ष नीति- 2023 पर भी मुहर लगाई गई है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में इसरो, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और दूसरी निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी कुछ जिम्मेदारियां दी जाएंगी। आपको बतादें कि इससे पहले निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए स्पेस सेक्टर खोले गए थे, जिससे इस सेक्टर में ग्रोथ हो। उन्होंने बताया कि इसका मकसद अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की भूमिका को बढ़ावा मिले जिससे इसरो मिशन की गतिविधियां और बढ़े और अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप जैसे उद्येश्यों को भी बढ़ावा मिल सके।
दूसरी ओर घरेलू प्राकृतिक गैस जिसे सीएनजी में भी कनवर्ट किया जाता है और उसी को पाइप्ड नेचुरल गैस यानी (PNG) के रूप में भी स्तेमाल किया जाता है। जो कच्चा माल आता है उससे उर्वरक खाद भी बनाया जाता है और बिजली भी पैदा होती है। सरकार इससे पहले छमाही आधार पर एक अप्रैल और एक अक्टूबर को इन गैसों की कीमतें तय करती थीं। लेकिन नए बदलाव के बाद ये कीमतें मंथली आधार पर बदली जाएंगी।