Shani Dev Remedies: हिन्दू धर्म में कई सारी चीज़ों की मान्यता है. ऐसे में कई सारे लोगों को अपना कर्म करने के बाद भी वो परिणाम नहीं मिल पाटा जो उन्हें मिलना चाहिए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनका सूर्य खराब होता है. लेकिन क्या आपको पता है आप अपने शनि को आसानी से खुश कर के जीवन में नाम शौहरत और दौलत सब कुछ पा सकते है.
आप में से बहुत कम लोग इस बात को जानते है की सूर्य यानी की शनि भगवान को न्याय के देवता और कर्म फलदाता कहा जाता है. दरअसल शनिदेव को प्रसन्न करने और कुंडली में शनि को मजबूत करने के लिए आपको शनिवार के दिन कुछ उपाय करने चाहिए . आपकी जानकारी के लिए बता दे ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से शनिवार के दिन शनि स्त्रोत का पाठ करना फलदायी होता है. इससे शनि भगवान प्र्शन्न होते है और जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है. चलिए आपको शनि स्त्रोत का पाठ बताते है.
शनि स्त्रोत
ये है शनि स्त्रोत जो आपकी शनि की महादशा को आपकी कुंडली में ठीक कर सकता है और आपको वो सब कुछ दिला सकता है जिसके आप लायक है.
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।।
